बंपर उत्पादन, फिर भी खाली पड़े गोदाम
हरदाPublished: May 02, 2016 08:17:00 am
बंपर उत्पादन के बावजूद गेहूं खरीदी
करीब एक लाख मीट्रिक टन कम हुई है। इसके चलते नागरिक आपूर्ति निगम के लिए
अधिगृहित किए गए गोदाम खाली पड़े हैं।
हरदा। जिले में इस बार गेहूं के बंपर उत्पादन के बावजूद बीते साल की तुलना में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करीब एक लाख मीट्रिक टन कम हुई है। इसके चलते नागरिक आपूर्ति निगम के लिए अधिगृहित किए गए गोदाम खाली पड़े हैं। कृषि उपज मंडियों में बड़ी मात्रा में गेहूं बिकने के कारण आने दिनों में भी केंद्रों पर सन्नाटा पसरे रहने की आशंका जताई जा रही है। निजी क्षेत्र के भी कई गोदाम खाली पड़े हुए हैं।
मालूम हो कि सोयाबीन फसल खराब होने से किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे। गेहूं कटाई शुरू होने के लंबे समय बाद तक सरकारी खरीदी शुरू नहीं होने के कारण किसानों ने नकद रुपए के लिए मंडियों में गेहूं बेचना शुरू कर दिया। शुरुआती दौर में जिले की मंडियों में गेहूं की अच्छी आवक रही। इसके बाद केंद्रों पर खरीदी शुरू हुई, लेकिन सहकारी समितियों द्वारा ऋण की राशि काटे जाने की आशंका के चलते किसान केंद्रों पर कम ही पहुंचे। इसके चलते सरकारी खरीदी बीते साल से कम हो सकी। नागरिक आपूर्ति निगम से मिली जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल तक जिले के 92 खरीदी केंद्रों पर 27516 किसानों से करीब 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। हालांकि बीते साल इस अवधि तक करीब 2 लाख 14४ हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। लेकिन बात में खरीदी तेज होने से करीब 3 लाख 93 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था।
पांच लाख टन है भंडारण क्षमता
वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबंधक एनपी कीर के मुताबिक जिले की भंडारण क्षमता ५ लाख मीट्रिक टन है। इसमें सरकारी गोदामों की क्षमता डेढ़ लाख टन व स्टील सायलो की क्षमता ५० हजार मीट्रिक टन है। बचे तीन लाख मीट्रिक टन के गोदाम निजी क्षेत्र के हैं। हरदा व टिमरनी के आठ-आठ तथा खिरकिया क्षेत्र के चार गोदामों सहित 25 गोदामों में सरकारी खरीदी के गेहूं का भंडारण किया गया है। खेड़ा को छोड़कर अन्य सभी गोदाम ८० प्रतिशत तक भरा चुके हैं। खरीदी कम होने के कारण अन्य 50 गोदामों का अनुबंध नहीं किया गया।