हरदोई जिले की डीएम आईएएस अधिकारी शुभ्रा सक्सेना के शिकायतों पर क्विक एक्शन का रिएक्शन होने लगा है। तमाम असरदारों में खलबली मची हुई है।
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हरदोई. जिले की डीएम आईएएस अधिकारी शुभ्रा सक्सेना के शिकायतों पर क्विक एक्शन का रिएक्शन होने लगा है। तमाम असरदारों में खलबली मची हुई है। दरअसल चार दिन पूर्व डीएम ने पांच ग्राम प्रधानों के पॉवर सीज करने के लिए नोटिस जारी की थी। ऐसा माना जा रहा है कि नोटिस अवधि समाप्त होते ही इन पांच ग्राम पंचायतों में प्रशासक की तैनाती हो सकती है। इसके अलावा विकास विभाग के दो लिपिकों पर एफआईआर और कुछ अफसरों के लिए शासन को डीओ भेजे जाने की खबरों ने लोगों की नींद उड़ा दी है। आलम यह है कि शिकायतों पर चल रहे डीएम की कार्रवाई के चाबुक को लेकर एक ओर आम जनमानस एक नई उम्मीद के साथ डीएम से मिलकर शिकायतें करने के लिए उत्सुक दिख रहे हैं, तो दूसरी ओर कार्रवाई की जद में आकर परेशान लोग दरबारों के चक्कर लगा रहे हैं।
शनिवार को भी डीएम शुभ्रा सक्सेना के तेवर कड़क रहे। उन्होंने कुछ ग्राम पंचायतों के मामलों की समीक्षा करते हुए लापरवाही कर रहे कुछ कर्मियों के कामकाज की समीक्षा की। जिसके बाद कुछ लोग दिनभर परेशान इधर उधर घूमते रहे। तमाम लोग अपने बचाव में अन्य अफसरों के पास पेशबंदी करते नजर आए, तो वहीं कुछ लोग दरबारों की ओर भी जाते दिखाई दिए। सूत्रों का कहना है कि पैरवी कराने की आस लेकर गए कुछ चर्चित जो कि कार्रवाई की जद में है, को उस समय निराशा हाथ लगी। जब डीएम का नाम सुनते ही चेहरों की रंगत बदल गई। कुछ ने तो साफ कह दिया कि हम इस तरह के मामलों की पैरवी नहीं कर सकते।
सूत्रों का कहना है कि एक विभाग में समायोजन को लेकर उगाही की खबरों के बाद डीएम ने उधर भी शिंकजा कस दिया है। करीब 20 बिंदुओं पर मॉनीटरिंग करने के लिए कमेटी बना दी है। ऐसे में कुछ दिनों से विभागीय कार्यालय के आस-पास लगे रहने वाले तथाकथित पहुंच वालों की दुकानों पर भीड़ छंटने लगी है। जबकि सालों से एक ही पटल का काम देख रहे कुछ चर्चित कर्मचारियों के चेहरों से हवाइयां उड़ रही हैं। कारण साफ है कि डीएम ने पांच दिन पहले स्पष्ट रूप से कह दिया कि अगर कहीं कोई बिचौलियागीरी करते हुए योजनाओं में सुविधाशुल्क वसूलते पाया गया तो पहले उसके खिलाफ एफआईआर होगी और फिर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।