नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त ही याद आता है तालाब चौराहा
हाथरसPublished: Oct 26, 2016 05:22:00 pm
यहां जितने भी नेता चुनाव मैदान में उतरे, उनके वादों में तालाब चौराहा
प्रमुख रहा, लेकिन लोगों को जाम से मुक्ति अब तक नहीं मिल पाई है।
हाथरस। शहर के तालाब चौराहे पर जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति नहीं मिल पा रही है। आम राहगीरों से लेकर वाहन चालकों को सुबह से रात तक जाम से जूझना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन की ओर से जाम से निजात दिलाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त ही तालाब चौराहा की समस्या याद आती है।
शहर का सबसे व्यस्तम चौराहा
शहर का सबसे व्यस्तम तालाब चौराहा अलीगढ़-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और मथुरा-बरेली राजमार्ग को जोड़ता है। इस चौराहे पर अलीगढ़-आगरा रोड पर रेलवे क्रॉसिंग होने की वजह से यहां लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है। जिसके चलते चारों दिशाओं में जाने वाले लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ता है। शहर में ई-रिक्शा के चलने की वजह से जाम की स्थिति और भी ज्यादा विकराल रूप ले चुकी है। इस चौराहे पर एक बार जाम लगने के बाद ट्रैफिक पुलिस को यातायात सुचारू कराने में कड़ी मशुक्कत करनी पड़ती है।
सिर्फ वादे किए गए, समस्या जस की तस
अब तक यहां जितने भी नेता चुनाव मैदान में उतरे, उनके वादों में तालाब चौराहा प्रमुख रहा, लेकिन लोगों को जाम से मुक्ति अब तक नहीं मिल पाई है। हाथरस अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 93 का बाईपास बनने से यहां समस्या कम जरूर हुई है, लेकिन समाप्त नहीं हुई है। इससे आज भी शहर के लोग ही नहीं, बल्कि हाथरस से होकर गुजरने वाले लोग और वाहन चालक परेशान हैं।
त्यौहारों पर समस्या पर बढ़ी
दीपावली के पर्व पर अचानक सड़कों पर वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है। बाजार में भी अच्छी खासी संख्या में लोग आ रहे हैं। जिससे तालाब चौराहे पर रेलवे फाटक बंद होने पर जाम लगने की समस्या फिर गहराती जा रही है। फाटक खुलने के बाद लगभग आधे से एक घंटे बाद भी जब जाम नहीं खुल पाता। कभी-कभी तो कई घंटों तक जाम लगी रहती है।