एक ऐंसा गांव भी जहां जंगली हाथियों के डर से चार आदिवासी परिवार तीन वर्षों से भी अधिक समय से पेड़ों पर रहने को मजबूर हो रहा है…
बुंडू। प्रखंड में एक ऐंसा गांव भी जहां जंगली हाथियों के डर से चार आदिवासी परिवार तीन वर्षों से भी अधिक समय से पेड़ों पर रहने को मजबूर हो रहा है। हम बात कर रहे हैं बुंडू प्रखंड के हुमटा ग्राम पंचायत अंतर्गत गितिलडीह गांव के लोहराटोला की। इस टोले में 10-12 आदिवासी परिवार रहते हैं।
बताया गया है कि जंगली हाथियों के भय से चारों परिवार दिन में तो खेतों में काम करते है लेकिन रात पेड़ों पर किसी तरह गुजारते हैं। जान बचाने के लिए इन्हें कड़कड़ती ठंढ और बारिश में भी पेड़ पर ही रात गुजारनी पड़ती है। वन विभाग से उन्हें कभी कोई मदद नहीं मिली।
जानकारी के अनुसार लोहराटोला का एक छोर जंगल से सटा है। इसी छोर पर परीक्षित लोहरा, जानकी मुंडा, जानकी मुंडा के भाई एवं एक अन्य परिवार घर बनाकर वर्षों से रहते आए हैं। मुखिया के अतिरिक्त वे सांसद अथवा विधायक से कभी नहीं मिले और न हीं इन जन प्रतिनिधियों ने कभी उनकी सुध ली।
जंगल किनारे इनका खेत होने के कारण ये मजबूरन यहीं रहते हैं। खेती के अतिरिक्त इनके पास रोजगार का कोई अन्य साधन नहीं । बुंडू का पूरा हुमटा पंचायत हाथी प्रभावित रहा है। हुमटा के गितिलडीह गांव के लोहराटोला जंगल के किनारे रहने के कारण यहां लगभग प्रतिदिन जंगली हाथी आ धमकते हैं। कई बार हाथियों ने इनका घर भी तोड़ डाला है।