अखरोट को यदि पानी के साथ पीसकर इसका लेप पेट पर लगाया जाए तो पेट के मरोड़ों तथा भारी दर्द से छुटकारा मिलता है
अखरोट खाने में तो स्वादिष्ट है ही, अपने बहुविध उपयोग के कारण यह अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत में अखरोट के पेड़ समुद्र तल से एक खास ऊंचाई पर पाए जाते हैं। कश्मीर की वादियां और वहां का नम मौसम इसके लिए बेहद उपयोगी है। वहां यह बहुतायत से पाया जाता है। इसके पेड़ से जो फल प्राप्त होते हैं, उसे सूखे मेवे के रूप में खाया जाता है।
1. अखरोट की बाहरी रचना मनुष्य के मस्तिष्क की भांति दो गोल परतों के बीच बंद रूप में होती है। यह दिमाग को संतुलित और समर्थ या तेज बनाने में उपयोगी है। मैमोरी तरोताजा बनाए रखने में यह पूर्ण सहायक होता है।
2. अखरोट को यदि पानी के साथ पीसकर इसका लेप पेट पर लगाया जाए तो पेट के मरोड़ों तथा भारी दर्द से छुटकारा मिलता है। अखरोट खाने के बाद दूध का सेवन करने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।
3. सर्दी के दिनों में यदि शरीर में दर्द हो तो अखरोट के तेल की मालिश करना मुफीद रहता है।
4. नाक के दोनों नथुनों में अखरोट का लेप लगाने से पक्षाघात अथवा लकवा जैसी घातक बीमारी में भी लाभ होता है।
5. सिर पर अखरोट का तेल लगाने से जुएं तथा रुसी को नष्ट किया जा सकता है। बालों को काला करने लिए इसकी छाल को पानी में उबालकर मेंहदी के साथ लगाते हैं।
6. दांत में दर्द तथा पायरिया जैसे रोगों में अखरोट के छिलकों को महीन पीसकर उसका मंजन किया जाता है।