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अक्टूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया जाता है। दुनियाभर में ये बीमारी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और लगातार इसके मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन गई है। क्या आप इस बीमारी से परिचित है? इसके लक्षण और बचाव के उपाय जानते है? आइए आपकों इस बीमारी की विस्तृत जानकारी दें।
क्या आप जानते है कि सिर्फ भारत में इस
बीमारी से करीब 15 प्रतिशत लोग ग्रसित है। अर्थराइटिस जैसी बीमारी के चपेट में आने के हम खुद जिम्मेदार है,कैसे आइए जानें?
1.लाइफस्टाइल
वर्तमान में आप का लाइफस्टाइल बड़ा हाई-फाई यानी आरामतलब हो चुका है।कम्पयूटर पर घंटों बैठे रहना,भोजन में पोष्टिक्ता की कमी और लिकर यानी मादक पदार्थो की आदत।यह है इस बीमारी को निमंत्रण देने के कारण? आज हर कोई घर के बने पोष्टिक खानें को छोड़कर जंक फूड खाने में आनन्द महसूस करता है,एक्सरसाइज ना करना और दिनभर की अनियमित दिनचर्या के कारण आप अर्थराइटिस का शिकार होते है। ऎसी जीवनशैली के कारण सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं आजकल युवा भी इस बीमारी से अछूते नहीं रहे।
2. लक्षण इस बीमारी में आप अपने जोड़ों में दर्द महसूस करते है। ज्वाइंट्स पैन यानी जोड़ों में ऎसा दर्द जो आप सहन नहीं कर पाते है।बताया जाता है कि अर्थराइटिस में यह दर्द सुबह के समय सबसे ज्यादा होता है,जिसके कारण आपकों शरीर में थकान महसूस होती है। आप चल-फिर नहीं पातें और सर्दियों में दर्द गर्मियों की तुलना में बढ़ जाता है। इस बीमारी में असहनीय दर्द के साथ आपके हाथ-पैरों की अंगुलियों की शेप विकृत हो जाती है।
3.उपाय सबसे पहला और सरल उपाय है कि जैसे ही आपकों ऎसे लक्षण महसूस होते ही फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर द्धारा बताई एक्सरसाइज को नियमित रूप से करना। चिकित्सा के दौरान आपकों अपने वजन बढ़ने से रोके। ज्यादा देर तक अर्थराइटिस के मरीजों को एक स्थिति में नहीं बैठना चाहिए। नियमित दवा,व्यायाम और जरूरत पड़ने पर सर्जरी करवाकर सामान्य जीवन जी सकते है।