गर्मी के दिनों में खयाल रखना जरूरी
Published: May 06, 2015 12:47:00 pm
गर्मियों में हम ज्यादातर समय घर के बाहर बिताते हैं जिससे इंडोर एलर्जन का
एक्सपोजर कम होने लगता है
गर्मी के मौसम में अस्थमा के मामलों में कमी आती है, इसलिए कई लोग अस्थमा के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लेकिन ऎसा नहीं है कि गर्मियों में अस्थमा के ट्रिगर यानी कारक वातावरण में उपस्थित नहीं रहते बल्कि कुछ ट्रिगर जैसे वायु प्रदूषण, पराग कण, धूल आदि की उपस्थिति अन्य मौसमों की तुलना में बढ़ जाती है। गर्मी और उमस भी अस्थमा के लिए खतरे का काम करती हैं, इसलिए जरूरी है कि इस मौसम में भी पूरी सावधानी रखी जाए ताकि अस्थमा अटैक का खतरा न रहे।
इसलिए आती है कमी
1. गर्मी का मौसम अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है।
2. गर्मियों में हम ज्यादातर समय घर के बाहर बिताते हैं जिससे इंडोर एलर्जन का एक्सपोजर कम होने लगता है।
3. इसके अतिरिक्त कोल्ड और फ्लू, जो खतरनाक अस्थमा अटैक के प्रमुख कारण हैं, गर्मियों में इनकी चपेट में आने की आशंका कम होती है। गर्मी में सांस की नलियां भी सिकुड़ती नहीं हैं।
क्या करें, क्या न करें
1. गर्मियों में मिलने वाले कुछ फल और सब्जियां भी अस्थमा अटैक का कारण बन सकती हैं जैसे नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, सेब या दूसरे ताजा फ ल और सब्जियां। इसलिए इन चीजों को प्रयोग में लेने से पहले अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लें। फिर भी तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. ऎसे स्थानों पर जाने से बचें जहां वायु प्रदूषण हो।
3. लक्षण दिखाई न दें तो भी डॉक्टरी सलाह से समय पर दवाएं लें।
4. डॉक्टरी सलाह के बिना इलाज न बदलें।
5. धूप में बाहर निकलने से पहले दवा और इन्हेलर साथ लेकर जाएं।
6. क्लोरीन की गंध से एलर्जी हो तो स्वीमिंग पूल में न जाएं। रात में खिड़कियां खोलकर न सोएं, एलर्जी और अस्थमा से बचने के लिए एयर कंडीशनर का प्रयोग करें।
डॉ. विकास मौर्य, सीनियर कंसल्टेंट,
एलर्जी एवं स्लीप डिसऑर्डर, बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली