कच्चा दूध पीने से होती हैं कई बीमारियां
Published: Mar 28, 2015 12:43:00 pm
पाश्चरीकृत दूध पीने की तुलना में कच्चा दूध पीने से खाद्य जनित बीमारी होने
का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है
milk Ganga moves in mahasamund
न्यूयार्क। नए शोध में यह बात सामने आई है कि पाश्चरीकृत दूध की तुलना में कच्चा दूध पीने से खाद्य जनित बीमारियों के होने का खतरा 100 गुना तक बढ़ सकता है। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ए लिवेबल फ्यूचर (सीएलएफ) में कार्यरत मुख्य शोधकर्ता बेंजामिन डेविस ने कहा, पाश्चरीकृत दूध पीने की तुलना में कच्चा दूध पीने से खाद्य जनित बीमारी होने का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है।
हाल के दिनों में कच्चा दूध पीना अधिक लोकप्रिय हो गया है। ऎसा माना जाता है कि पाश्चरीकृत दूध की तुलना में कच्चे दूध में अधिक प्राकृतिक एंटीबॉडी, प्रोटीन और जीवाणु होते हैं। पाश्चरीकृत दूध अधिक स्वास्थवर्धक, साफ, स्वादिष्ट और शरीर में लैक्टोस की क्षमता को घटाता है।
नए अध्ययन से पता चला है कि आमतौर पर दूध में पाया जाने वाला माइक्रोबियल में एशचेरीचिया कोली ओ157एच7 के साथ संक्रमणकारी सालमोनेला, कैंपीलोबेक्टर और लिस्टेरिया पाया जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि ये जीवाणु मनुष्यों में, विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और व्यस्कों में खाद्यजनित बीमारियों का कारण बनते हैं।
इस अध्ययन के लिए अध्ययनकर्ताओं ने गाय का कच्चा दूध पीने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों और लाभ को जानने के लिए लगभग 1,000 लेखों और प्रकाशित 81 लेखों का निरीक्षण किया।