scriptकोल्ड ड्रिंक पीने से हर साल होती है 1.80 लाख लोगों की मौत! | Every year 1.80 lakh people died due to harmful effect of soft drinks | Patrika News

कोल्ड ड्रिंक पीने से हर साल होती है 1.80 लाख लोगों की मौत!

Published: Jul 01, 2015 10:38:00 am

एक अमरीकी
रिसर्च के अनुसार दुनिया
भर में 1.80 लाख लोग सॉफ्ट ड्रिंक के ज्यादा सेवन की वजह से दम तोड़ रहे हैं

harmful effect of Cold drink

harmful effect of Cold drink

जयपुर। पूरे विश्व में सोडा मिश्रित सॉफ्ट ड्रिंक में डाले जाने वाले तत्वों को लेकर सवाल खड़ा है। सेहत पर इसका नकारात्मक असर लगातार दिख रहा है, लेकिन प्रदेश में ऎसी सॉफ्ट ड्रिंक के दुष्परिणामों पर किसी की नजर नहीं है। ना तो सरकार इस तरफ ध्यान दे रही है और ना ही कोई अन्य एजेंसी। सरकार चाहे तो सिर्फ एक छोटे से कदम से अपनी आय भी बढ़ा सकती है और सॉफ्ट ड्रिंक की खपत भी कम हो सकती है।

राज्य सरकार सॉफ्ट ड्रिंक पर साढ़े 14 प्रतिशत कर लगाती है। यदि सरकार इस कर को बढ़ा दे तो सरकार को पैसा तो मिलेगा ही साथ ही महंगे होने से आम आदमी की पहुंच से यह दूर भी हो जाएगी और लोग इसका उपयोग भी कम क रने लगेंगे। हाल ही राज्य सरकार ने तम्बाकू उत्पादों पर कर में कमी की थी, जिसकी चौतरफा निंदा की जा रही है।

हर साल मरते लाखों

अमरीकी संस्था नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डायबिटीज, डायजेस्टिव एवं किडनी डिजीज के अनुसार दुनिया भर में 1.80 लाख लोग सॉफ्ट ड्रिंक के ज्यादा सेवन की वजह से दम तोड़ रहे हैं। ऎसी ही एक रिपोर्ट अमेरिका की एक अन्य एजेंसी ने जारी की, जिसमें बताया गया कि भारत में हर वर्ष 95 हजार 427 लोग इन सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से मर रहे हैं। 1990 की तुलना में वर्ष 2010 में मौतों में 161 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज यह आंकड़ा और भी बढ़ गया है।

सोडा से नुकसान

सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग में कार्यरत डॉ. अजीत सिंह के मुताबिक सोडा में सोडियम बाईकार्बोनेट होता है, जो कि गेस्ट्रिक एसिड के साथ मिलकर गैस रिलीज करता है। इससे पेट के अन्दर फुलावट हो जाती है। कई बार उल्टी का मन करना, डायजेसन सिस्टम में गड़बड़ की आशंका रहती है। अधिक मात्रा में सेवन करने से चिड़चिड़ापन, मासपेशियों में दर्द और खिंचाव, क्रेम्पस और मूड में बदलाव की आशंका भी रहती है, साथ ही सांस लेने की प्रक्रिया को भी कमजोर करती है।

इस तरह हानिकारक

विभिन्न चिकित्सकीय अध्ययनों के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक में शुगर की अत्याधिक मात्रा डायबिटीज, मोटापा, आर्थराइटिस, उच्च रक्तचाप, ह्वदय की बीमारियों सहित डायबिटीज बढ़ाता है। अधिकांश कोल्ड ड्रिंग में शुगर की अत्याधिक मात्रा उपयोग में ली जाती है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की ओर से 80 हजार महिलाओं में किए गए एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से इनका सेवन करने वाली 75 प्रतिशत से अधिक महिलाओं में आर्थराइटिस की समस्या अधिक रहती है। इसी तरह एक से दो गिलास रोज कोल्ड ड्रिंंक पीने वालों में डायबिटीज के 25 प्रतिशत और ह्वदय रोग की 40 प्रतिशत संभावना बढ़ जाती है।

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक गुप्ता के अनुसार शीतल पेय के सर्वाधिक शौकीन बच्चे होते हैं। ऎसे में इनके लिए तो यह अत्याधिक घातक है ही। एसएम एस मेडिकल कॉलेज के पूर्व गेस्ट्रोएंट्रोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ.रमेश रूपरॉय के अनुसार कोल्ड ड्रिंक के भी मैगी की तरह ही व्यापक स्तर पर नमूने लेकर इनमे मिलाए जा रहे तत्वों की पड़ताल की जानी चाहिए, जिससे की यह सामने आए कि इनसे और कितने तरह के नुकसान हैं।
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