न्यूयॉर्क। लड़कों
की तुलना में लड़कियां कमजोर कशेरूक (वर्टिब्रा) के साथ जन्म लेती हैं। नए शोध में
यह बात सामने आई है। कशेरूक श्रृंखलागत रूप में मिलकर रीढ़ की हड्डी का निर्माण करती
है। शोधकर्ताओं ने पाया कि नवजात लड़कों की तुलना में लड़कियों के वर्टिब्रा
का क्रॉस सेक्शनल डायमेंशन (आकार) 10.6 फीसदी छोटा होता है।
अमेरिका में लॉस
एंजेलिस के द साबन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ चिल्ड्रंस हॉस्पिटल में अध्ययन के वरिष्ठ
लेखक विसेंट गिलसांज ने कहा कि मानव वह एकमात्र प्राणी है, जिसमें यह अंतर पाया गया
है और लिंगों के बीच यह महत्वपूर्ण शारीरिक अंतर दर्शाता है। अध्ययन का
परिणाम ऑनलाइन पत्रिका “पीडियाट्रिक्स” में प्रकाशित हुआ है, जिसके मुताबिक यह अंतर
विकास का परिणाम है, जो महिला को गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का भार सहने योग्य
बनाता है।
अध्ययन के मुताबिक, कशेरूकाओं में इस अंतर से महिलाओं को
स्क्लेरॉसिस (रीढ़ की हड्डी का असामान्य रूप से टेढ़ा होना) और हड्डी की बीमारी
ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक होता है। गिलसैंज ने उल्लेख किया कि हम यह जान
गए हैं कि लड़कियों की कशेरूक लड़कों की तुलना में छोटी होती है, लेकिन पहली बार यह
अंतर कब सामने आता है, इसके बारे में जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि लड़कियां हड्डी की एक गड़बड़ी के साथ पैदा होती है, इसीलिए अन्य बुजुर्गो की तरह
उसे ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है और हम जानते हैं कि व्यायाम व पोषण
से इस विकार से निजात पाया जा सकता है।