स्वास्थ्य

हाई बीपी से लकवे का खतरा

खराब दिनचर्या, लगातार तनाव, फास्ट फूड, शारीरिक श्रम का
अभाव इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं

Apr 17, 2015 / 11:53 am

दिव्या सिंघल

हाइपरटेशन या हाई ब्लड प्रेशर(बीपी) आधुनिक जीवनशैली में एक बड़ी समस्या बन गया है। पहले जहां हाई ब्लडप्रेशर की समस्या 40 साल की उम्र के बाद होती थी। वहीं अब ये युवाओं को भी होने लगी है। खराब दिनचर्या, लगातार तनाव, फास्ट फूड, शारीरिक श्रम का अभाव इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं। कई मामलों में आनुवांशिकता के कारण भी हाई ब्लडप्रेशर की समस्या कम उम्र में हो सकती है।

लक्षण
इसके प्रमुख लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, सीने में दर्द, सांस फूलना, घबराहट, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक पसीना आना आदि शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर के अत्यधिक बढ़ने पर लकवा या बे्रन हेमरेज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

इलाज
होम्योपैथी दवाएं ब्लडप्रेशर के इलाज में प्रभावी हंै। इस चिकित्सा पद्धति में कम उम्र के लोगों में ब्लडप्रेशर को जड़ से ठीक किया जा सकता है और अधिक उम्र के लोगों में आसानी से नियंत्रित रखा जा सकता है। हाई ब्लडप्रेशर में काम आने वाली प्रमुख दवाएं हैं- कैलकेरिया कार्ब, फोसफोरस, लेकेसिस, राउलफिया, डिजिटैलिस, कोनियम मैक और टरमिना अर्जुना आदि। उचित लाभ के लिए जरूरी है कि दवाइयां सही मात्रा और उचित पोटेंसी में दी जाएं इसलिए इनका प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करें।

डॉ. सविता माहेश्वरी, होम्योपैथी विशेषज्ञ

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