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स्वास्थ्य

High Heels का फैशन है सेहत पर भारी, जानिए नुकसान

हाई हील से घुटनों पर लगभग 26 फीसदी दबाव बढ़ जाता है, इससे
आर्थराइटिस व जोड़ों की तकलीफ बढ़ने लगती है

Aug 17, 2015 / 02:26 pm

दिव्या सिंघल

high heels7

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फिल्म “जुरासिक वर्ल्ड” में हीरोइन को हाई हील पहनकर दौड़ते हुए दिखाया गया है। ऎसे में सवाल उठता है कि क्या ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनकर भागदौड़ की जा सकती है? विभिन्न अध्ययनों के हवाले से स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते आए हैं कि लगातार हील्स पहनने से हमारे टखने की ताकत और पैरों का संतुलन प्रभावित होता है। जानते हैं लंबे समय तक ऊंची एड़ी के सैंडिल आदि पहनने से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में-

पोश्चर में गड़बड़ी

हाई हील से आपकी कमर, कूल्हे, कंधे और रीढ़ का पूरा भार पंजों पर आ जाता है। इससे शरीर का पोश्चर बिगड़ जाता है। यही स्थिति लंबे समय तक रहे तो कमर और पैरों में गंभीर दर्द हो सकता है।

ऎसे पड़ता है दबाव
जितनी ज्यादा हील होती है, पैरों के आगे के हिस्से पर उतना ही ज्यादा भार पड़ता है। इससे थकान और दर्द जैसी कई समस्याएं बढ़ने लगती हैं।



घुटनों और पिंडलियां की शामत
हाई हील से घुटनों पर लगभग 26 फीसदी दबाव बढ़ जाता है। इससे आर्थराइटिस व जोड़ों की तकलीफ बढ़ने लगती है। मांसपेशियां हाई हील के अनुसार खुद को व्यवस्थित करते रहने की वजह से सिकुड़कर सख्त हो जाती हैं। इससे पैरों के बॉल (पिंडों), घुटने, कूल्हे और कमर में दर्द हो सकता है।

एकिलीज टेंडन
एकिलीज टेंडन (एड़ी से लेकर पिंडलियों की नसों का जाल) सख्त हो जाता है। स्नायुजाल छोटा होकर एडियां दर्द करने लगती हैं। यही स्थिति बनी रहे तो इससे नसें हमेशा के लिए छोटी हो सकती हैं। हाई हील की स्ट्रेप जब बार-बार एड़ी की हड्डी पर रगड़ करती है तो यह हड्डी बढ़ जाती है जिसे पंप-बंप की समस्या कहते हैं।

अंगुलियों पर जोर
जब आपका पूरा वजन पैरों के बीच की तीन मुख्य अंगुलियों पर पड़ता है तो मेटार्टसालगिया यानी पैर के आगे के भाग में दर्द होने लगता है। वृद्धों को यह परेशानी ज्यादा हो सकती है।



टखने की चोट
बुजुर्ग या अधिक वजन वाली महिलाओं में संतुलन गड़बड़ा कर गिरने का खतरा बढ़ जाता है। ऎसे में टखने में चोट या मोच भी आ सकती है।

बच्चों को न पहनने दें

छोटे बच्चों के पैर 12 वर्षों की उम्र तक ही मजबूत हो पाते हैं। इससे कम उम्र में हाई हील्स पहनने से विकास रूक सकता है। हडि्डयों में दर्द व टेढ़ापन भी आ सकता है।

क्या कहता है शोध
दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने एयरहोस्टेस बनने का प्रशिक्षण ले रही युवतियों के समूहों का अध्ययन किया जिन्हें ट्रेनिंग के दौरान ही हाई हील पहननी होती थी। वोबली बोर्ड (संतुलन के लिए) एवं कम्प्यूटराइज्ड एक्सरसाइज मशीनों की मदद से जांच में पाया कि कोर्स खत्म करने वाली सीनियर्स के मुकाबले फ्रैशर्स के टखने व जोड़ों की मांसपेशियां मजबूत थीं। जबकि ज्यादा समय तक हील पहनने वाली सीनियर्स की इन मांसपेशियों में कमजोर व संतुलन की परेशानी पाई गई।



गड़बड़ाता है संतुलन
नंगे पैर दौड़ने पर हमारे पैर आगे की तरफ जमीन पर पड़ते हैं। जूते पहनकर दौड़ने पर एड़ी की दिशा में ज्यादा जोर आता है। हाई हील, पैर व टखने के संतुलन को गड़बड़ा देती है। इसका असर पैरों (तलवे, एड़ी, टखना, अंगुलियां) से लेकर रीढ़ की हड्डी तक जाता है।

चोट लगने पर
यदि हील्स पहनने पर आपको बार-बार मोच आ जाती हो या पैर में किसी तरह का फै्रक्चर या हडि्डयों से जुड़ी कोई समस्या हो तो हील्स न पहनें। इसकी बजाय स्पोर्ट शूज या जूते पहनें।

पैरों को आराम दें
एयरहोस्टेस, एचआर, रिसेप्शनिस्ट जैसे विभिन्न पेशों में महिलाओं को हील पहननी पड़ती है। ऎसे में बीच-बीच में समय मिलने पर हील्स को उतारकर थोड़ी देर के लिए पैरों को आराम दिया जाना चाहिए। ध्यान रखें कि हील्स पहनकर एक घंटे से ज्यादा समय तक लगातार चलने और खड़े होकर काम करने से भी बचना चाहिए।

हाई हील के अलावा फ्लैट स्लिपर भी नहीं पहननी चाहिए वर्ना शरीर का सारा भार एडियों पर आ जाता है। फुटवेयर की हील एक से सवा सेंटीमीटर होनी चाहिए। स्पोर्ट्स शूज भी बेहतर कुशनिंग वाले सही माने जाते हैं।



डॉ. नरेश गोयल, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जयपुर

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