मतदान से भागते हैं धूम्रपान करने वाले
Published: May 25, 2015 10:33:00 am
धूम्रपान या
तंबाकू का सेवन करने वाले लोग राजनीतिक प्रणाली और राजनीतिक संस्थानों से दूर जा रहे
हैं
न्यूयॉर्क। एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि धूम्रपान करने वाले 60 फीसदी लोग मतदान में हिस्सा नहीं लेते, जिससे ऎसे लोगों के हाशिये पर जाने वाली धारणा को बल मिला है। अध्ययन के लेखक एवं कोलोरैडो विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक कारेन एलब्राइट के अनुसार इससे पहले हुए अध्ययनों के जरिए हमें पता है कि धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने वाले लोग तेजी से हाशिये पर जा रहे हैं तथा वे सांगठनिक एवं अन्य गतिविधियों में कम ही शामिल होते हैं। इसके अलावा धुम्रपान न करने वाले लोगों की अपेक्षा ऎसे लोगों में आत्म विश्वास भी कम होता है।
एलब्राइट ने कहा कि हमारे शोध में सामने आया है कि हाशिये पर जाने की यह स्थिति वैयक्तिक स्तर से कहीं अधिक बड़ी है तथा राजनीतिक प्रणाली और राजनीतिक संस्थानों से भी वे दूर जा रहे हैं। यह अध्ययन फोन पर करीब 11,626 लोगों से बातचीत के जरिए किया गया। लोगों से जनसांख्यिकी सामाजिक एवं व्यावहारिक सवाल पूछे गए। सर्वेक्षण में प्रतिभागियों से पूछे गए सवाल में धूम्रपान से जुड़े व्यवहार के बारे में भी सवाल था और उनसे यह भी पूछा गया कि क्या उन्होंने हाल में हुए मतदान में हिस्सा लिया था। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन धूम्रपान करने वाले 60 फीसदी प्रतिभागियों ने धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
हालांकि अध्ययन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में मतदान को लेकर यह अरूचि क्यों होती है। इसके पीछे एक वजह यह हो सकती है कि धूम्रपान करने वाले लोग तंबाकू पर तमाम तरह के कर लगाने और अन्य प्रतिबंधों के कारण राजनीतिक संस्थाओं को दमनकारी के रूप में देखते हों। यह अध्ययन शोध पत्रिका निकोटीन एंड टोबैको के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है।