scriptअंतिम संस्कार में लकडिय़ों की जगह लेगी गोबर की छड़ेंं | Haryana: Dung sticks will replace with timber in funeral | Patrika News

अंतिम संस्कार में लकडिय़ों की जगह लेगी गोबर की छड़ेंं

locationहिसारPublished: Jul 14, 2017 05:08:00 pm

सरकार सभी गौशालाओं में लगाएगी उपले बनाने की मशीन, खर्च का 90 फीसदी हिस्सा वहन करेगी सरकार

Dung sticks will replace with timber in funeral

Dung sticks will replace with timber in funeral

चंडीगढ़। हरियाणा मुस्लिम बाहुल क्षेत्र मेवात से गीता महायज्ञ शुरू करने के अलावा गाय व गीता के माध्यम से प्रदेश की राजनीति को आगे बढ़ाने वाली हरियाणा सरकार ने अजीबो-गरीब योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अब प्रदेश के शमशानघाट में अंतिम संस्कार के समय लकड़ी की बजाए गोबर की छड़ों (उपलों की तरह तैयार होने वाली) का इस्तेमाल किया जाएगा। हरियाणा गौसेवा आयोग के माध्यम से लागू होने वाली इस योजना को लागू करने के लिए प्रदेश की गौशालाओं में उपले बनाने की मशीनें भी लगाई जाएंगी।

हरियाणा में सत्ता संभालने वाली भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही अपनी योजनाओं का केंद्र बिंदु गाय व गीता को बनाए हुए है। हालांकि प्रदेश में अभी भी लाखों की संख्या में गौवंश सडक़ों पर है। इसके बावजूद सरकार द्वारा गायों से संबंधित नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। अब गौसेवा आयोग ने राज्य की सभी गौशालाओं को उपले बनाने की मशीनें देने का फैसला लिया है। लगभग 50 हजार रुपए कीमत की इस मशीन के बदले 10 प्रतिशत पैसा गौशाला को और बाकी 90 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।

प्रदेशभर में इस समय 437 पंजीकृत गौशालाएं हैं। यह मशीनें गायों के गोबर से पारंपरिक उपले तो बनाएंगी ही साथ ही गोबर की लंबी-लंबी (लकड़ीनुमा) छड़ी भी बनाएंगी। इसके पीछे सरकार का एक अलग उद्देश्य है। आमतौर पर शमशानघाट में लकडिय़ों का इस्तेमाल किया जाता है। गौसेवा आयोग ने शमशानघाट में गोबर की छडिय़ां इस्तेमाल करने की दिशा में यह पहल की है। गोबर से उपलों के साथ-साथ लकडिय़ों जैसी गोबर की मोटी छड़ी बनाई जाएगी। इन छडिय़ों का इस्तेमाल शमशानघाट में अंतिम संस्कार के लिए किया जाएगा।

गौसेवा आयोग ने कई शमशानघाट कमेटियों के साथ बातचीत भी की है। गौवंश के गोबर से बने उपलों एवं छड़ी से जहां पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा वहीं इनकी बिक्री से गौशालाओं को आमदन भी होगी। यही नहीं, गौशालाओं में हवन-यज्ञ आदि में इस्तेमाल के लिए भी गाय के गोबर की छड़ी इस्तेमाल की जा सकेंगी।

राज्य गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला के अनुसार, आयोग सभी गौशालाओं में उपलों की मशीनें स्थापित करेगा। इसके लिए गौशालाओं को गौसेवा आयोग के सामने प्रस्ताव भेजना होगा। जो गौशाला अपने यहां यह प्लांट स्थापति करना चाहेगी, उसे आयोग द्वारा मशीन मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं में गोबर की समस्या को दूर करने तथा उनकी आॢथक स्थिति में सुधार के लिए यह फैसला लिया गया है।
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