अगर मनुष्य के हौंसले बुलंद हो, तो कोई भी विपरित परिस्थिति उसे आगे बढऩे से नहीं रोक सकती, फिर चाहे शिक्षा का क्षेत्र
जींद। अगर मनुष्य के हौंसले बुलंद हो, तो कोई भी विपरित परिस्थिति उसे आगे बढऩे से नहीं रोक सकती। फिर चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो या सामाजिक क्षेत्र। मनुष्य अपनी काबिलियत के बल पर उनमें अपना स्थान सुनिश्चित कर ही लेता है। उेसा ही कारनामा कर दिखाया है धमतान गांव के किसान परिवार में पले-पढ़े युवक अमनदीप नैन। जिन्होंने लाला लाजपतराय विश्वविद्यालय द्वारा घोषित हरियाणा वैटनैरी सर्जन की परीक्षा में पूरे प्रदेश भर में 5वां रैंक प्राप्त कर दिखा दिया कि ग्रामीण क्षेत्र के लड़के किसी भी तरह से शहरी क्षेत्र के लड़कों से कम नहीं है।
अमनदीप के चाचा सरपंच जयपाल ने बताया कि अमनदीप ने 10वीं की परीक्षा गांव के स्कूल से ही की और बाद में उसने 12वीं की परीक्षा के लिए टोहाना के डांगरा के निजी स्कूल में दाखिला ले लिया। जहां उसने मैडीकल में 78 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा किया। उसके बाद उसने इसी क्षेत्र में आगे बढऩे के बारे में सोचा और
कोटा से लगातार 3 साल कोचिंग ली। वहां रहते-रहते उसने बीएसएसी एग्रीकल्चर में भी 9वां रैंक प्राप्त किया। लेकिन उसका सपना डॉक्टर बनने का था। जिसके बाद उसने सफलता प्राप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और हिसार की लाला लाजपतराय विश्वविद्यालय की हरियाणा वैटनरी सर्जन की परीक्षा में 5वां रैंक प्राप्त कर अपने सपने को पूरा किया।
अमनदीप नैन का कहना है कि उनका आरंभ से ही डॉक्टर बनने का सपना था। अब वो वीएस बनकर सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता चांदीराम, माता बाला देवी, चाचा जयपाल व शिक्षक सुरेन्द्र सहारण को दिया, जिनके मार्गदर्शन में उसने यह लक्ष्य प्राप्त किया।