नई दिल्ली। भारत में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद होने का असर कंज्यूमर सर्विस प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों पर भी दिख रहा है। टीवी-फ्रिज जैसे जैसी चीजें शानदार आॅफर के साथ मिल रहे है। इस इंडस्ट्री के मुताबिक 40 से 50 फीसदी ग्राहक कैश पेमेंट करते हैं। लेकिन नोटबंदी से कैश खरीदने वाले ग्राहक नहीं आ रहे। इस वजह से ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां अगले साल जनवरी से पेमेंट के ऑफर दे रही हैं।
शादियों के सीजन में होती है 60 फीसदी बिक्री
कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर की 60 फीसदी बिक्री शादियों के सीजन में होती है जिनमें टीवी—फ्रिज भी शामिल है। वीडियोकॉन के चीफ ऑपरेटिंग अफसर सीएम सिंह का कहना है कि उनकी कंपनी ‘बॉय नॉउ, पे इन 2017’ का ऑफर दे रही है। इसका मतलब ये है कि ग्राहक अगर ईएमआई पर प्रोडक्ट खरीदता है, तो उसे पेमेंट अगले साल जनवरी से करना होगा। यह ऑफर डाउन पेमेंट पर है। वहीं, सैमसंग का कहना है कि शादियों के लिए होने वाली सेल में भी गिरावट आई है। व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनियों ने फेस्टिव और वेडिंग सीजन के लिए अच्छी सेल का प्लान किया था। फेस्टिव सीजन में सेल तो बढ़ी, लेकिन अब नोटबंदी का असर दिख रहा है।
65000 करोड़ का कंज्यूमर ड्यूरेबल मार्केट
आपको बता दें कि भारतीय कंज्यूमर ड्यूरेबल मार्केट लगभग 65000 करोड़ रुपए का है जो सालाना 14.8% की दर से बढ़ रहा है। इनका 65% मार्केट शहरों में है। गांवों में बिक्री बढ़ने की रफ्तार 25% है।
बिना ब्याज किस्तों पर मिल रहे फोन
नोटबंदी का ऐसा ही असर मोबाइल फोन मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है। इस वजह से नया मोबाइल फोन लेने वालों के अच्छे दिन आ चुके हैं। नकदी की कमी से जूझ रहे मोबाइल रिटेलर ग्राहकों को जीरो डाउन पेमेंट पर मोबाइल फोन दे रहे हैं। ग्राहक अपने पास मौजूद नकदी से फिलहाल अपनी रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीद रहे हैं। वहीं, रिटेलर ग्राहकों से फोन ईएमआई पर लेने पर ब्याज भी नहीं रहे। नोटबंदी की वजह से मोबाइल की बिक्री में आ रही गिरावट के चलते रिटेलर ग्राहकों को अपनी स्कीम के तहत जीरो डाउन पेमेंट और बिना ब्याज पर 12 महीनों की किश्तों पर मोबाइल फोन खरीदने का ऑफर जरी कर रहे है। इस स्कीम के जारी करने के बाद भी हैंडसेट्स की बिक्री में आ रही गिरावट में कमी आई है।
आॅटो और रियल एस्टेट सेक्टर में भी दिखने वाला है असर
नोटबंदी का ऐसा ही असर अब आॅटोमोबाइल और रियल एस्टेट मार्केट पर भी देखने को मिलने वाला है। माना जा रहा है कि पैसे की कमी के चलते लोगों द्वारा वाहन नहीं खरीदने से उनकी सेल में गिरावट आई है। इसके अलावा रियल एस्टेट मार्केट पूरी तरह से ठंडा पडा है। माना जा रहा है कि अब प्रोपर्टी की कीमतें भी कम होंगी।