Aaj ka rashifal: आज अमावस्या पर इन कार्यों के लिए बन रहा है शुभ योग, ऐसे उठाएं लाभ
अमावस्या अपराह्न 3.16 तक, इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगी
Aaj ka rashifal in hindi: अमावस्या अपराह्न 3.16 तक, इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगी। अमावस्या व शुक्ल प्रतिपदा दोनों ही तिथियों में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते। इसी प्रकार शुक्ल प्रतिपदा में भी शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। देवी कार्य या नवरात्रि में शुक्ल प्रतिपदा को शुभ माना है।
नक्षत्र: पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 9.53 तक, तदुपरान्त पुष्य ‘क्षिप्र व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, गमन, अलंकार, घर, व्रतादि, सवारी, कृषि व विद्यादि कार्य करने योग्य हैं। आज अमावस्या तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं है।
विशिष्ट योग: सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग तथा रवि पुष्य नामक योग प्रात: 9.53 से अगले दिन सूर्योदय तक है। सर्वार्थसिद्धि नामक योग में समस्त शुभापेक्षित कार्य शुभ होते हैं। रवि पुष्य योग में तंत्र, मंत्र, सिद्धि एवं जड़ी-बूटी आदि का संग्रह सिद्धिदायक होता है।
चंद्रमा : संपूर्ण दिवारात्रि कर्क में है।
शुभ वि.सं. : 2074, संवत्सर: साधारण, अयन: दक्षिणायन, शाके: 1939, हिजरी: 1438, मु.मास: सव्वाल-28, ऋतु: वर्षा, मास: श्रावण, पक्ष: कृष्ण।
वारकृत्य कार्य : रविवार को स्थिर संज्ञक कार्य, राज्याभिषेक, पदारूढ़ होना, यानयात्रा, ललितकला सीखना, औषध संग्रह, पशु क्रय, सेवा- नौकरी, धातु कार्य तथा यज्ञादि-मंत्रोपदेश आदि कार्य करने योग्य हैं।
दिशाशूल : रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
आज के श्रेष्ठ चौघडि़ए
प्रात: 7.31 से दोपहर 12.33 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद 2.14 से अपराह्न 3.54 तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.06 से दोपहर 1.00 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल
सायं 4.30 बजे से सायं 6.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
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