ज्योतिष के इन लक्षणों के आधार पर किसी भी आदमी को देख कर सहज ही उसके भाग्य के बारे में बताया जा सकता है
ज्योतिष में शरीर के सभी अंगों को किसी न किसी ग्रह का रूप माना गया है। जन्मकुंडली से भी इस बात का विवेचन किया जाता है। साथ ही बताया गया है कि किस ग्रह के शुभ या अशुभ होने पर उस ग्रह से संबंधित अंग में क्या अंतर आएगा। ज्योतिष के इन लक्षणों के आधार पर किसी भी आदमी को देख कर सहज ही उसके भाग्य के बारे में बताया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें…
भारतीय ज्योतिष में कुंडली के दूसरे तथा पांचवे घर को धन तथा पेट का कारक बताया गया है। यहां मौजूद अच्छे ग्रहों की स्थिति में व्यक्ति धनी तथा तोंदवाला (मोटे पेट वाला) बनता है। ऐसे लोग स्वभाव से भी मस्तमौला तथा हंसने-हंसाने वाले होते हैं।
गुरु भी शरीर में मौजूद चर्बी का कारक माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में गुरु शुभ हो तो वह उस व्यक्ति को धन, सम्मान तथा प्रतिष्ठा तो देगा ही देगा साथ ही में उस व्यक्ति के शरीर में चर्बी की मात्रा भी बढ़ा देता है।
इसके साथ ही कुछ अन्य ग्रह भी शरीर का मोटापा बढ़ाने वाले होते हैं। यथा धनेश, पंचमेश दोनों में मौजूद सकारात्मक ग्रह व्यक्ति को सुख, सुविधा और पैसा देते हैं। इसके चलते भी लोग मेहनत नहीं करते और मोटापा बढ़ने लगता है।
मोटे तौर पर कुंडली में विद्यमान शुभ गुरु तथा धनेश, पंचमेश की स्थिति अगर शुभ हो तो आदमी भाग्यशाली होने के साथ-साथ मोटे होते हैं।