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कैसी जनसुनवाई : जिले में 1299 आवेदन लंबित, कार्रवाई

locationहोशंगाबादPublished: Jul 25, 2017 12:55:00 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

शासन ने आम नागरिकों की समस्या को सीधे अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए
जनसुनवाई की व्यवस्था शुरू की थी। ेव्यवस्था शुरू होने के कुछ महिनों बाद
ही शासन की यह व्यवस्था महज औपचारिकता बनकर रह गई है।

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होशंगाबाद। शासन ने आम नागरिकों की समस्या को सीधे अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए जनसुनवाई की व्यवस्था शुरू की थी। ेव्यवस्था शुरू होने के कुछ महिनों बाद ही शासन की यह व्यवस्था महज औपचारिकता बनकर रह गई है। हर मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जनसुनवाई आयोजित की जाती है। इसमें जिलेभर से लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचते हैं हालांकि उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है। यही कारण है कि जिले में जनसुनवाई के 1 हजार 299 आवेदन लंबित है। कलेक्टर की बैठक में हर बार अधिकारियों को निर्देश दिए जाते हैं लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई हैं। जनसुनवाई में वैसे तो सभी विभागों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं लेकिन सबसे ज्यादा शिकायतें एमपीईबी की प्राप्त हो रही है। शिकायतों की समीक्षा में एमपीईबी की 83 बड़ी शकायतें हैं। साथ की लोकसेवा अधिनियम का उल्लंघन के मामले में बिजली कंपनी को जुर्माना भी लगा है।

सीएम हेल्पलाइन की स्थिति भी खराब
जनसुनवाई के साथ ही सीएम हेल्प लाइन से मिलने वाले आवेदनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जून मे सीएम हेल्पलाइन की समस्याओं के निराकरण का प्रतिशत जिले में 58.38 है जो कि मई माह के 59.17 प्रतिशत की अपेक्षा कम है। जिले में संतोषजनक निराकरण का जून माह का प्रतिशत 45.82 है। सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए सभी अधिकारियों को प्राथमिक्ता के साथ मामले निपटाने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान विभागवार आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति से संबंधित 91.67 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित 67.67 प्रतिशत समस्याओं के निराकरण के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास की प्रशंसा की। उन्होंने 88.71 प्रतिशत समस्याओं के निराकरण के लिए कार्यपालन यंत्री पीएचई की सराहना की। कलेक्टर लवानिया ने कहा कि पीडब्लूडी राजस्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास , शहरी विकास अभिकरण तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निराकृत समस्याओं मे संतुष्टि का प्रतिशत बहुत कम है। यदि इसमें सुधार नहीं किया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर मनोज सरियाम, जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा, संयुक्त कलेक्टर टीना यादव व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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