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जयपुर

कोटा थर्मल:  प्रतिष्ठा पर लगा लापरवाही का दाग

कोटा थर्मल प्रशासन की लापरवाही ने पूरे देश में अपनी श्रेष्ठता की धाक
जमाने वाले कोटा थर्मल की साख पर धब्बा लगा दिया। 31 अक्टूबर को थर्मल
घूसकाण्ड के अलावा एक और घटना हुई, जिससे बिजलीघर की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।

जयपुरNov 05, 2015 / 04:32 pm

shailendra tiwari

कोटा थर्मल प्रशासन की लापरवाही ने पूरे देश में अपनी श्रेष्ठता की धाक जमाने वाले कोटा थर्मल की साख पर धब्बा लगा दिया। 31 अक्टूबर को थर्मल घूसकाण्ड के अलावा एक और घटना हुई, जिससे बिजलीघर की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।

कोयले की कमी के चलते दो इकाइयां बंद हो गई और तीन दशक पुराने कोटा थर्मल को इतिहास में पहली बार कोयले की कमी से इकाइयां ठप होने का धब्बा लग गया। इसमें थर्मल प्रशासन की लापरवाही रही। यदि समय रहते ध्यान दिया जाता तो इन इकाइयों में उत्पादन ठप होने की नौबत नहीं आती। इन इकाइयों को एेसे समय बंद किया गया, जब प्लांट में तीन दिन के लिए कोयले का स्टॉक था।

अधिकारियों ने छठी व सातवीं इकाई की कन्वेयर बेल्ट तक कोयला पहुंंचाने के लिए डोजर से कोयला शिफ्ट करने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। इस निगरानी की व्यवस्था उन्हीं अधिकारियों के पास थी, जिन्हें एसीबी ने घूसकाण्ड में गिरफ्तार किया था।

यहां रही लापरवाही
थर्मल में वैगन टिपलर पर कोयला खाली होने के बाद उसे कोल हैण्डलिंग प्लांट के स्टॉक यार्ड में स्टोर किया जाता है। यहां क्रेसर में पीसकर यह कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोल मिल में पहुंचता है। स्टॉक यार्ड में हर कन्वेयर बेल्ट तक की पहुंच के अनुसार कोयले का स्टॉक होना चाहिए, लेकिन थर्मल प्रशासन की ओर से इस और ध्यान नहीं दिए जाने से कोयले का स्टॉक छठी व सातवीं यूनिट की कन्वेयर बेल्ट की पहुंच से बाहर हो गया और इकाइयों को बंद करने की नौबत आई।

अब तक बंद है इकाइयां
195-195 मेगावाट की छठी व सातवीं इकाई 31 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से अब तक बंद पड़ी है। हालांकि थर्मल प्रशासन का दावा है कि अब कन्वेयर बेल्ट तक कोयला नहीं पहुंचने की परेशानी हल हो चुकी है। कोयले का स्टोर अब सभी इकाइयों की पहुंच के हिसाब से ही किया गया है। एलडी की ओर से बिजली की मांग नहीं होने के कारण यह इकाइयां बंद रखी गई हैं।

5वीं इकाई में बॉयलर ट्यूब लीकेज, उत्पादन ठप
कोटा थर्मल की 210 मेगावाट की पांचवीं इकाई तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गई। मुख्य अभिंयता आर.पी.मीणा ने बताया कि इकाई में बॉयलर ट्यूब लीकेज होने के कारण इसे बंद करना पड़ा। इसकी मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है।

अब कोई परेशानी नहीं होगी
कोयले का स्टॉक वर्तमान में 70 हजार टन है। सभी इकाइयों की पहुंंच के हिसाब से कोयले का स्टॉक रखा जा रहा है। अब एेेसी कोई परेशानी नहीं होगी।
आर.पी.मीणा, मुख्य अभियंता, कोटा थर्मल
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