पुलिस शहीद दिवस विशेष-आज अर्पित करेंगे श्रद्धासुमन
होशंगाबादPublished: Oct 21, 2016 12:00:00 pm
शुक्रवार सुबह जिला पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक स्थल पार्क में सुबह
8.45 बजे एसपी आशुतोष प्रताप सिंह व सुबह 8.50 बजे आईजी का आगमन होगा।
होशंगाबाद। शुक्रवार सुबह जिला पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक स्थल पार्क में सुबह 8.45 बजे एसपी आशुतोष प्रताप सिंह व सुबह 8.50 बजे आईजी का आगमन होगा। परेड सलामी के बाद देश में इस वर्ष शहीद हुए 473 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची का वाचन किया जाएगा। शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी।
हम सुरक्षित हैं क्योंकि…
– ‘डायल-100 टीम के रूप में हमें ऐसे जवान मिले, जो चौबीस घंटे हमारी सुरक्षा के लिए अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहते हैं। इनकी वजह से रात के अंधेरे में कहीं आते-जाते समय हम पहले से अधिक सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
– बीते कुछ महीनों और वर्षों पर नजर दौड़ाएं तो हमारे जहन में कई ऐसे केस आएंगे, जिससे आमजन के दिलों में डर बैठ गया, लेकिन हमारी मुस्तैद पुलिस ने तफ्तीश कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा।
– स्कूल-कॉलेज जाने वाली हमारी बेटियों पर अब कोई आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करता, क्योंकि पुलिस अनवरत रूप से ऐसे मनचलों और शरारती तत्वों के खिलाफ मुहिम चलाती है।
– पुुलिस आधुनिकीकरण के तहत पूरे शहर में अपराध को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कुछ नए कैमरे भी जल्द लगने वाले हैं। इससे भी अपराधियों के दिलों में डर बैठा और हम बेखौफ हुए।
पुलिसकर्मियों को यह मिला
पुलिस कर्मियों के लिए पहले चरण में 90 आवास आवंटित किए गए। इनमें पुलिस अधिकारी-कर्मचारी रहने लगे हैं। दूसरे चरण में दीपावली के पूर्व 60 अन्य आवास भी मिलने की उम्मीद है।
कर्मचारियों के शारीरिक चुस्ती एवं स्वास्थ्य के लिए जिम का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। यहां आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
जिला पुलिस लाइन में जल्द ही विभिन्न कार्यक्रम के लिए कम्युनिटी हाल का निर्माण कराया जा रहा है।
कर्मचारियों के लिए चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। मेडिकल हैल्थ कार्ड बनवाए गए हैं। गंभीर बीमारियों का इलाज आसान हुआ है।
हर साल यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन
& हर साल यह दिन हमारे लिए गौरव का दिन होता है। हम सब मिलकर उन शहीद पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को याद करते हैं जिन्होंने कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। मैं भी इसी गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनकर गौरान्वित महसूस करता हूं।
आशुतोष प्रताप सिंह, एसपी