पटना। प्रसिद्ध जैन मंदिर से चोरी हुई 2600 साल पुरानी 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की बहुमूल्य मूर्ति रविवार को बिछवे गांव के पास जंगल में पड़ी मिली। मूर्ति मिलने के बाद मंदिर पर काफी संख्या में श्रद्धालु जुट गए। जानकारी है मूर्ति पूरी तरह सुरक्षित है। घटना को लेकर जैन समाज के लोग काफी नाराज थे, जैन समाज ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मामले में दखल देने का मांग भी की थी। गृह मंत्री ने भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था। गौरतलब है कि इस मूर्ति चोरी की खोज के लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीबीआई से अनुशंसा कर दी थी।
कैसे मिली मूर्ति?
जमुई के सिकंदरा के पास बिछवे गांव के कुछ ग्रामीण और बच्चे जंगल की तरफ से आ रहे थे तब उन्होंने झाड़ी में इस मूर्ति को पड़ी देखा। इसके बाद जैन मंदिर को यह सूचना पहुंचाई गई तो वहां से भी काफी संख्या में श्रद्धालु वहां जुट गए। सूचना पाकर मौके पर एसपी पुलिस बल समेत पहुंच गए हैं। खुशी में लोगों ने जयकारे भी लगाए।
क्यों है मूर्ति इतनी महत्वपूर्ण?
यह मूर्ति कसौटी की बनी है जिसकी कीमत अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की बताई जाती है। जांच के बाद मूर्ति को वापस जैन मंदिर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। 27 नवंबर की रात एक दर्जन नकाबपोश आए थे और मंदिर के तीन गार्ड को बंधक बनाकर मूर्ति उठा ले गए थे। मंदिर पहाड़ के ऊपर जंगलों के बीच है। मंदिर के पुनः निर्माण का कार्य चल रहा है।
माना जाता है कि जैन धर्म के 24वें तीर्थांकर भगवान महावीर का जन्म सिंकदरा के क्षत्रियकुंड लछुआड़ में ही हुआ था है और यह स्थान जैन धर्मावलंबियों का बड़ा तीर्थस्थान है। भगवान महावीर के भाई नंदीवर्धन ने 26 सौ साल पहले इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया था।
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