scriptआसाराम समर्थकों ने स्कूलों में कर दिया अश्लील किताबों का वितरण | Adult books distributed in schools by Asaram | Patrika News

आसाराम समर्थकों ने स्कूलों में कर दिया अश्लील किताबों का वितरण

Published: Oct 06, 2015 08:21:00 pm

किताब में सेक्स पावर बढ़ाने और सेफ सेक्स के टिप्स दिए गए हैं, जबकि किताब के कवर पर हनुमान जी के अलावा कुछ और महापुरूषों की तस्वीरें छपी हैं। 

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक कुछ स्कूलों में आसाराम के समर्थकों ने अश्लील किताबों का वितरण कर दिया। बताया जा रहा है कि यह आसाराम की यौन टिप्स वाली किताबें है जिनमें यौन शिक्षा के नाम पर आपत्तिजनक और अश्लील बातें लिखी हुई हैं।

अश्लील किताबों के कवर पर छपी हैं हनुमान जी की तस्वीर
जानकारी के मुताबिक कुछ स्कूलों में आसाराम के समर्थकों ने अश्लील किताबों का वितरण कर दिया। इस किताब में सेक्स पावर बढ़ाने और सेफ सेक्स के टिप्स दिए गए हैं, जबकि किताब के कवर पर हनुमान जी के अलावा कुछ और महापुरूषों की तस्वीरें छपी हैं। विवाद सामने आने के बाद प्रशासन ने यह परीक्षा निरस्त कर दी है, लेकिन इन किताबों को हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे पढ़ रहे हैं। दिव्य प्रेरणा प्रकाश नाम की इस किताब में यौन शक्ति बढ़ाने और सुरक्षित यौन संबंध के टिप्स दिए गए हैं।

हालांकि किताब के कवर पर हनुमान जी और दूसरे महापुरूषों की तस्वीरें छपी हैं। जिससे यह बिल्कुल नहीं लगता कि किताब के अंदर इतनी अश्लील बातें होंगी। इस मामले पर महासमुंद के डीईओ राकेश पांडेय ने कहा है कि कुछ स्कूलों में ही किताबें बांटे जाने की सूचना है। दिव्य प्रेरणा प्रकाश परीक्षा के लिए जो किताब स्कूलों में बंटवाई गई हैं, उसे तत्काल वापस मंगवाकर जब्त किया जाएगा। बताया जा रहा है कि केवल महासमुंद जिले में ऎसी 5 हजार किताबें बांटी गई हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार के एक पुराने लेटर के आधार पर जेल में बंद आसाराम की इमेज को सुधारने के लिए उनके समर्थकों ने स्कूलों के नाम डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर से ऑर्डर लिया था, लेकिन इस किताब ने एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। किताब के कवर पेज पर हनुमान के अलावा भीष्म पितामह, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, समर्थ रामदास, स्वामी लीलाशाह महाराज और महर्षि रमण की तस्वीरें भी छपी हैं। कवर पेज में कहा गया है कि किताब को कम से कम पांच बार पढें और पढ़ाएं। जानकारी के मुताबिक महासमुंद और आसपास के कुछ स्कूलों में यह किताब पांच से पंद्रह रूपए लेकर दी गई।
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