अब अगर आपके दिल में घुमक्कड़ी की चाह पनपे तो इस एप से सड़कों की स्थिति के बारे में पूछना कतई ना भूले।
नई दिल्ली। तकनीकी के इस युग में एप ने लोगों की जिंदगी को बेहद सुगम और सरल बना दिया है। अब अगर आपके दिल में घुमक्कड़ी की चाह पनपे तो इस एप से सड़कों की स्थिति के बारे में पूछना कतई ना भूले। यह आपको सात लेवल के जरिए भारतीय सड़कों के हालात से अवगत कराएगा। रोड में कोई गड्डा नहीं है और बेहद अच्छी हालत में है तो हरे रंग का संकेत मिलेगा। अगर सड़क बेहद उबड़-खाबड़ और गड्डों से भरी हुई है तो लाल रंग के संकेत के जरिए यूजर को इसकी जानकारी दी जाएगी।
फोन में लगा सेंसर देगा जानकारी
रोड एमएप को बेंगलुरू के सुदर्शन गंगराड़े ने बनाया है। वह ओला में मार्केटिंग ऑपरेशन के वाइस प्रेसिडेंट थे। उन्होंने इस एप को बनाने के लिए नौकरी छोड़ दी। यह एप आपके स्मार्टफोन में लगे सेंसर के जरिए सड़कों की स्थिति की जानकारी देगा। इस एप को एंडोयर्ड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। जैसे ही आप गाड़ी लेकर सड़क पर उतरेंगे यह एप खुद-ब-खुद सक्रिय हो जाएगा। इसमें लगा सेंसर गूगल मेप में बनने वाली इमेज की तरह रोड की हालत बयां करेगा। ड्राइव करते वक्त इसके जरिए यह पता चल जाएगा कि आगे गड्डा है या फिर रोड एकदम सही है।
बेंगलुरू की सड़कों पर हो चुकी है टेस्टिंग
इस एप की बेंगलुरू की सड़कों पर बीटा टेस्टिंग हो चुकी है। गंगराड़े का कहना है कि यह एप भरोसेमंद और विश्वसनीय है। हालांकि अभी यह सौ फीसदी सही नहीं बता रहा है जल्द ही इसमें और सुधार किए जाएंगे।
सरकार को सौंपेगा डेटा, होगी सड़कों की मरम्मत
इस एप का मुख्य मकसद रोड संबंधी डेटा इकट्ठा करके सरकार को सौंपना है, ताकि सड़कों की मरम्मत हो सके और स्थिति की सही-सही जानकारी मिल सके। गंगराड़े का कहना है कि इस एप के जरिए वह सामाजिक बदलाव लाना चाहते हैं। जैसे ही हम बड़ी तादाद में भारतीय सड़कों की स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा कर लेगें इसे सरकार को दे देंगे।
टेस्टिंग के बाद खुली बेंगलुरू की सड़कों की पोल
इस एप को सामाजिक सरोकारों के लिए बनाया गया है। गंगराड़े का कहना है कि जब से बेंगलुरू की सड़कों पर इसकी टेस्टिंग हुई है हम यहां की रोडों की स्थिति के बारे में काफी जानकारी मिली है। यहां के सरजनपुर और बेल्लांडुर में सड़कों की स्थिति बेहद खस्ताहाल है।