CSVTU : वर्चुअल क्लास रूम में पढ़ेंगे इंजीनियर
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया है।
CSVTU: virtual class room study engineer
भिलाई.छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया है। 3 सितंबर 2015 को उन्होंने कार्यभार संभाला था। इस एक साल में किए गए कार्यों और भविष्य की चुनौतियों को उन्होंने पत्रिका के साथ साझा किया। कहा कि विश्वविद्यालय इस साल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नेटवर्क की शुरुआत करेगा।
रूपरेखा तैयार की
इसके तहत संबद्ध कॉलेजों में पढऩे वाले छात्रों को सरल तरीके से कोर्स की बारीकियां समझाई जाएंगी। कॉलेज की क्लास रूम में बैठे छात्र प्रोजेक्टर की मदद से पढ़ाई करेंगे। सेटअप विश्वविद्यालय की नई बिल्डिंग में लगाया जाना है। इस सिस्टम के जरिए ऐसे छात्रों पर एक्स्ट्रा ध्यान दिया जा सकेगा जो विषयवार फेल हो रहे हैं। उन्हें पढ़ाने का तरीका पूरी तरह बदलेगा। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
ऑनलाइन करने का लक्ष्य
सीएसवीटीयू के कई कॉलेज प्रदेश के दूर-दराज वाले जिलोंं में है। छात्रों को विश्वविद्यालय पहुंचने में दिक्कतें होती है, इसीलिए दिसंबर तक विवि के सभी कामकाजों को ऑनलाइन करने का लक्ष्य है। इसके लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विस को हायर किया गया है। विवि ने नए छात्रों के इनरोलमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें छात्रों की जानकारियों को विशेष सॉफ्टवेयर में फीड करके रखा गया है। अब हर रिजल्ट की जानकारी उनके मोबाइल और ई-मेल पर खुद-ब-खुद मिलेगी, उन्हें एफर्ड नहीं लगान होगा।
विश्वविद्यालय में क्या बेहतर हुआ
विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं समय पर शुरू कर एकेडमिक कैलेंडर के पहले परिणाम जारी किए। के्रडा के साथ एमओयू करके परिसर में सौर ऊर्जा इकाई की शुरुआत। इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन विश्वविद्यालयों के साथ सीएसवीटीयू का एमओयू हुआ। आईआईआरएस देहरादूर का सेंटर विवि में स्थापित हुआ। छात्र रिमोर्टं। सेंसिंग का प्रशिक्षण मुफ्त ले सकेंगे।
कमियों को दूर करने का लक्ष्य
विवि बोर्ड ऑफ स्टडी से सिलेबस में नयापन। पीएचडी कंप्यूटर साइंस और मैकेनिकल ब्रांच के लिए गाइड का इंतजाम करना। प्लेसमेंट सेल की स्थापना, जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इंजीनियरिंग कॉलेजों में क्वालिटी एजुकेशन लाने समझाइश देंगे। शिक्षकों की गुणवत्ता विकास के लिए नियमित कार्यक्रम चलाए जाएंगे।