उज्जैन। मध्यप्रदेश के पौराणिक शहर उज्जैन के शिप्रा तट पर कार्तिक मास की एकादशी से एक अनूठा मेला लगता है। यहां गधों का पारंपरिक मेला लगता है जिसमें गधों की रौनक रहती है। अब यहां हर साल आने वाले गधों को शाहरूख, सलमान और फीमेल को रानी जैसे नाम दिए जाते हैं। मेले में बिहार में महागठबंधन की जीत का असर भी साफतौर पर दिखाई दे रहा है। इस बार मेले में आए कुछ गधों का नाम अलग अंदाज में रखा गया है। अब बिहार में हिट जोड़ी लालू – नीतीश इस मेले में असर दिखा रही है।
राजनीतिक लोकप्रियता का असर गधों के इस मेले में भी इतना है कि इनके नाम नीतीश कुमार, माया और लालू के नाम पर दिए गए हैं। हालांकि गधों की खरीदी और उम्र की पहचान दांतों के आधार पर की जाती है। नाम नहीं बल्कि जबड़ा देखकर गधे की उम्र जानी जाती है। बडऩगर रोड़ पर कार्तिक मेला मैदान में गधों का यह मेला लगाया जाता है।
व्यापारियों के अनुसार इस मेले में मध्यप्रदेश, राजस्थसान और महाराष्ट्र समेत कई प्रांतों के व्यापारी भी गधों के इस मेले में पहुंचते हैं। आयु के अनुसार गधों की कीमत लगाई जाती है। अब यह मेला एक बड़ा स्वरूप ले चुका है। इस मेले में गधे 4 हजार के शुरूआती दामों पर बिक रहे हैं तो दूसरी ओर 20 हजार रूपए तक के गधों की नस्ल का भी पता लगया गया है। गधों के अलावा खच्चर भी यहां बिकने के लिए आते हैं जिनकी कीमत करीब 40 हजार रूपए तक है।