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चौथे चरण का मतदान आज, सीटें बरकरार रखने की चुनौती

Published: Nov 01, 2015 12:01:00 am

बिहार चुनाव के चौथे चरण के महत्वपूर्ण होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रचार के अंतिम दिन भी सभी दल के नेताओं ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए खूब पसीना बहाया

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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 55 सीटों के लिए रविवार को मतदान होना है। इस चरण में न केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) द्वारा अपनी सीटों को बरकरार रखने की चुनौती है, बल्कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भी है।

चौथे चरण के चुनाव में राजग की ओर से भाजपा के 42, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पांच तथा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के चार-चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जबकि महागठबंधन में जद (यू) के 21, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 26, और कांग्रेस के आठ प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।

बिहार चुनाव के चौथे चरण के महत्वपूर्ण होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रचार के अंतिम दिन भी सभी दल के नेताओं ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए खूब पसीना बहाया। राजग की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया, वहीं महागठबंधन की ओर से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाएं कीं।

पिछले चुनाव में इन 55 सीटों में से जद (यू) ने 24 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 26 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। राजद को मात्र दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे। इस चुनाव में हालांकि परिथतियां बदल गई हैं, पुराने दोस्त सामने हो गए हैं जबकि दुश्मन दोस्त बन गए हैं।

पिछले चुनाव में भाजपा और जद (यू) जहां साथ-साथ चुनाव मैदान में थे वहीं इस चुनाव में जद (यू) राजद के साथ हैं, वहीं भाजपा ने भी लोजपा, रालोसपा और हम के रूप में नए दोस्त तलाश लिए हैं।

इस चरण के चुनाव में बिहार के तीन मंत्री बाजपट्टी से रंजू गीता, बोचहां से रमई राम और कुढ़नी से मनोज कुमार सिंह मुकाबले में हैं। पिपरा सीट से मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा को टिकट दिया गया था, लेकिन एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते दिखाए जाने के बाद उन्हें मंत्री पद के साथ-साथ उम्मीदवारी से भी हाथ धोना पड़ा, उनकी जगह कृष्णचंद चुनाव लड़ रहे हैं।

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला राजग और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है परंतु छह वामपंथी दल भी एक मोर्चा बनाकर चुनावी समर में हैं। इस चरण में वामपंथी दलों ने भी 55 में से 21 पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), 18 पर भाकपा (माले), नौ पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), दो पर एसयूसीआई, तीन पर फॉरवार्ड ब्लॉक और दो सीटों पर आरएसपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

वैसे इस चरण के चुनाव में सभी दल उन बागियों से भी परेशान हैं जो टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दूसरे दल या निर्दलीय का झंडा बुलंद कर रहे हैं। जद (यू) के निवर्तमान विधायक राजू कुमार सिंह इस चुनाव में भाजपा के टिकट पर और कांटी से हम के टिकट पर निवर्तमान विधायक अजित कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। इन सीटों पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प बन गया है।

सपा के नेतृत्व में कई दलों के एक गठबंधन के भी उम्मीदवार महागठबंधन और राजग को कई क्षेत्रों में कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वाल्मीकिनगर सीट से निवर्तमान विधायक राजेश कुमार सिंह, रून्नीसैदपुर की विधायक गुaी देवी, चिरैया से पूर्व विधायक अवनीश कुमार सिंह इस चुनाव में सपा की साइकिल की सवारी कर रहे हैं।

इधर, बोचहा सीट पर लोजपा ने अंतिम समय में प्रत्याशी बदल कर मुकाबला को त्रिकोणीय बना दिया है। यहां पहले बेबी कुमारी को लोजपा प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने अपने दामाद अनिल साधु को यहां का टिकट दिया। इस बार बेबी कुमारी यहां बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

बिहार चुनाव के चौथे चरण के मतदान में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान होना है। पहले तीन चरणों में 131 सीटों के लिए मतदान हो चुका है। एक नवंबर को चौथे चरण का मतदान होना है। सभी सीटों के लिए मतगणना आठ नवंबर को होगी।
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