बेल्लिनजोना। कालाधन से जुड़े कई खातों की जानकारी सार्वजनिक करने वाले एक पूर्व एचएसबीसी कर्मचारी को स्विस अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। सार्वजनिक किए गए खातों में कुछ खाते भारतीयों के भी थे। सजा के ऐलान के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व कर्मचारी फैल्सियानी ने कहा कि “इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। जहां तक संभव होगा मैं पूरा सहयोग करूंगा।”
बता दें कि छह साल पहले एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी और सचेतक हर्व फैल्सियानी ने गुप्त खातों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 600 नाम भारतीयों के थे। तब उन्होंने कहा था कि वह तमाम देशों की मदद कर रहा है और वह भारत की भी मदद करना चाहता है।
गौरतलब है कि स्विटजरलैंड की बेल्लिनजोना फेडरल क्रिमिनल कोर्ट में हर्व फैल्सियानी पर तीन आरोप लगाए गए थे। इसमें डेटा चोरी, औद्योगिक जासूसी और बैंक की गोपनीयता बरकरार रखने की शर्त को तोड़ना शामिल है। पूरा मुकदमा फैल्सियानी की गैर-मौजूदगी में चला क्योंकि वह इस मुकदमे में मौजूद नहीं रहना चाहते थे।
भारत सरकार के पास एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले 627 नामों की एक सूची है, जिनके नाम सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए थे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ही काला धन वापस लाने के सरकारी प्रयासों पर निगरानी कर रही है। बता दें कि पिछले वर्ष ही वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी हाल ही में कहा कि सूची में मौजूद लगभग 400 नामों की पहचान हो गई है, और उनमें से 250 ने खाता होने की बात कबूल भी कर ली है।
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