कैग का खुलासा- रेलवे को हुआ 30,000 करोड़ का नुकसान
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, लौह अयस्क के परिवहन के लिए दोहरी माल भाड़ा पॉलिसी में सख्ती से संतुलन स्थापित न करने से वित्तीय घाटा हुआ है।
नई दिल्ली । कैग ने भारतीय रेलवे पर जानबूझकर 30,000 करोड़ रूपए नुकसान उठाने का आरोप लगाया है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, लौह अयस्क के परिवहन के लिए अपनी दोहरी माल भाड़ा पॉलिसी (डीएफपी) में सख्ती से संतुलन स्थापित न करने से रेलवे को मई 2008 और सितंबर 2013 के बीच में यह वित्तीय घाटा हुआ है। डीएफपी पॉलिसी के तहत लौह अयस्क को दो श्रेणियों, “घरेलू उपभोग के लिए” और “घरेलू उपभोग के अलावा” (निर्यात) में बांटने का प्रावधान है। बाद वाली श्रेणी के लिए माल भाड़ा पहले वाले का तीन गुना था।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, डीएफपी का पहला मकसद घरेलू उत्पादकों के लिए लोहे के परिवहन के खर्च को कम करना था। वहीं, लौह अयस्क के निर्यात के लिए माल भाड़ा को इसके इंटरनेशनल स्पॉट मार्केट प्राइसेज के मुताबिक रखना था ताकि लौह अयस्क के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में बढ़ोतरी होने पर माल भाड़ा के रूप में ज्यादा कमाई की जा सके।
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