इंद्राणी की नौ पन्नों की डिस्चार्ज बुक के अनुसार टॉक्सीन स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान एम्फेटामिंस, बेंजोडियापिंस, कोकीन, मेथाडोन, अफीम, फेंसिक्लाडाइन और टेट्रा हाइड्रो केनाबिन के अंश मिले हैं। वह लंबे समय से एंटी एंग्जाइटी दवा बेंजोडियापिंस ले रही थी। हालांकि डिस्चार्ज क बाद इंद्राणी ने आईजी(जेल) बिपिन कुमार सिंह को बताया कि वह 26 सितम्बर से दवाईया नहीं ले रही थी और उसने जेल में कभी आत्महत्या का प्रयास नहीं किया। वहीं इंद्राणी के सैंपल स्टेट फोरेंसिक लेबारेटरी के बजाय प्राइवेट अस्पताल में भेजे जाने और मेडिकल बोर्ड गठित न करने पर सवाल उठ रहे हैं जबकि वह जेजे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थी।
इधर, मेडिकल शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को मामले में हाई लेवल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि वे व्यक्तिगत रूप से जांच पर निगरानी रखेंगे। यदि पता चला कि उसे विशेष फायदा पहुंचाया गया है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही वे गृह मंत्रालय से टेस्ट के नतीजों के बारे में भी पूछें गे। इस मामले में महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी ने इंद्राणी की जांच रिपोर्ट के बारे में बताया कि यह केवल प्राथमिक नतीजे हैं हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।