scriptमुलायम ने संविधान में बार-बार संशोधन को बताया साजिश | Constitution should not be changed without need-Mulayam | Patrika News

मुलायम ने संविधान में बार-बार संशोधन को बताया साजिश

Published: Nov 27, 2015 05:59:00 pm

सपा प्रमुख ने कहा कि लोग अपनी सुविधा के अनुसार इसे बदलते हैं। हम ये पूछना चाहते हैं कि इस सदन में क्या अंबेडकर और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से ज्यादा काबिल लोग आ गए हैं।

Mulayam Singh Yadav

Mulayam Singh Yadav

नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर बरसे। मुलायम सिंह ने कहा कि हम अंबेडकर साहब को प्रणाम करते हैं कि उन्होंने हमें ऐसा संविधान दिया।

मुलायम सिंह यादव ने संविधान में बार-बार किए जा रहे संशोधनों को एक ‘साजिश बताते हुए शुक्रवार को सरकार से यह स्पष्टीकरण देने की मांग की कि क्या वह आरक्षण के मामले में संविधान की समीक्षा करेगी जैसा कि आरएसएस प्रमुख ने मांग की है। उन्होंने यह संकल्प भी करने को कहा कि भविष्य में संविधान कोई संशोधन नहीं किया जायेगा।

सपा प्रमुख ने कहा कि लोग अपनी सुविधा के अनुसार इसे बदलते हैं। हम ये पूछना चाहते हैं कि इस सदन में क्या अंबेडकर और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से ज्यादा काबिल लोग आ गए हैं। जो हमेशा संविधान में संशोधन किये जा रहे हैं। हम ये कहते हैं कि अनावश्यक रूप से इस संविधान को बदला नहीं जाए।

इससे पहले गुरुवार को संविधान दिवस पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि देश के संविधान पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

लोकसभा में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के अवसर पर लोकसभा में शुरू हुई विशेष चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि आरक्षण समाप्त नहीं होगा, लेकिन आरक्षण की समीक्षा या उस पर पुनर्विचार के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

उन्होंने कहा, क्या संविधान की समीक्षा होगी। आरक्षण की समीक्षा होगी। यह आरएसएस के एजेंडे में है, इसलिए प्रधानमंत्री को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

सपा नेता ने कहा कि भारतीय संविधान में जितने अधिक संशोधन हुए है, दुनिया के किसी देश में इतने संशोधन नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, अपनी सुविधा और लाभ के लिए संशोधन करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, संविधान को बदलने की साजिश से हम सहमत नहीं है। यह संशोधन क्यों किये गए। क्या? डॉ. अंबेडकर, जवाहर लाल नेहरू, राजेन्द्र बाबू से ज्यादा काबिल हैं लोग। पूर्व रक्षा मंत्री ने सरकार से आश्वासन मांगा कि अब संविधान में अनावश्यक संशोधन न हो, बार-बार इसे बदलने की साजिश नहीं हो। मैं इसकी निंदा करता हूं। अब यह संकल्प लेना चाहिए कि अब संशोधन नहीं करना है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो