नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण पर एक तरफ सियासत जोरों पर हैं तो दूसरी तरफ कुछ एक्शन प्लान बनाने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में स्मॉग और स्मोक से हो रहे खतरनाक वायु प्रदूषण की स्थिति पर चर्चा करने के लिए पर एक हाई लेवल बैठक बुलाई। जंग ने विभिन्न एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को रोकने के लिए कड़े कदम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए जाएं। इसके लिए जो एक्शन प्लान बनेगा उस पर दिल्ली पुलिस और म्युनिसिपिल कॉर्पोरेशन(एमसीडी) को पूरी तरह काम करना होगा।
इसके तहत क्या-क्या होगा
-15 साल से पुराने डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का काम सोमवार से ही शुरू कर दिया जाए।
-भलस्वा में लगी आग पर काबू पाने के लिए एमसीडी को सारे कदम उठाने को कहा गया है।
-7 नवंबर से 14 नवंबर 2016 तक दिल्ली में सभी निर्माण गतिविधियों और डिमोलेशन एक्टिविटीज पर बैन लगा दिया गया है।
-ओवरलोडेड ट्रक्स और ऐसे ट्रक्स जिनको दिल्ली में कहीं नहीं जाना है लेकिन वो दिल्ली से होकर गुजरते हैं उनकी दिल्ली में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
-एनसीटी में चल रही प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज को तुरंत बंद किया जाए।
-त्योहारों के अलावा दिल्ली में और किसी मौके पर पटाखों को चलाने पर बैन लगा दिया है। यानी शादी-ब्याह में दिखावा करने के उद्देश्य से अगर कोई पटाखे चलाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
चीफ जस्टिस ने पूछाः इतने प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है
सोमवार को ही अदालत ने भी स्कूलों में योग करने को लेकर सरकार को फटकार लगाई है कि जब माहौल में इतना धुंआ है तो ऐसे में योग का फायदा बच्चों को किस तरह मिल पाएगा। इतने प्रदूषण में कोई योग कैसे कर सकता है? ये सवाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने पूछे।
एनजीटी ने केंद्र सहित राज्यों को लगाई फटकार
वहीं सोमवार को एक बार फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) में इस गंभीर मुद्दे पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है। हालांकि प्रदूषण मामले की सुनवाई 8 नवम्बर को होनी थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने सोमवार को ही सुनवाई कर ली। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि हेलीकाप्टर से पानी छिड़काव की योजना का क्या हुआ? आपने अबतक पानी का छिड़काव शुरू क्यों नहीं किया।
दिल्ली की हालत के लिए दूसरे राज्यों को जिम्मेदार ठहराना गलतः अनिल माधव दवे
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली की इस मेडिकल इमरजेंसी की बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में फसलों के अवशेष को जलाना है। जिससे वहां का धुआं और प्रदूषण दिल्ली पहुंचा और ऐसे हालात बने। लेकिन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने केजरीवाल सरकार को दिल्ली के हालात के लिए जिम्मेवार ठहराया और कहा कि पडोसी राज्यों को इस तरह ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि दिल्ली के कुल प्रदुषण का महज़ 20% हिस्सा ही पडोसी राज्यों की देन है बाकी 80% हिस्सा खुद दिल्ली का पैदा किया प्रदूषण है।
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