script“वंशावली” से पूर्वजों का पता लगाएगी धर्म जागरण समिति | Dharam Jagran Samiti working on linage | Patrika News

“वंशावली” से पूर्वजों का पता लगाएगी धर्म जागरण समिति

Published: Oct 05, 2015 08:30:00 am

समिति से जुड़े लोग ऎसे लोगों को एकजुट कर रहे हैं, जिन्होंने वंशावलियों (पोथियों) को संजोकर रखा हुआ है।

dharam jagran samiti

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी “धर्म जागरण समिति” अब वंशावली के जरिए किसी भी व्यक्ति का इतिहास का पता लगाएगी। समिति से जुड़े लोग ऎसे लोगों को एकजुट कर रहे हैं, जिन्होंने वंशावलियों (पोथियों) को संजोकर रखा हुआ है। हरिद्वार से पुरी या गया तक अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से वंशावलीकार हैं। कहीं इन्हें पंडा कहा जाता है, कहीं भाट तो कहीं पटा। ये लोग सदियों से लोगों के पुरखों का इतिहास संजोकर रखे हुए हैं। “धर्म जागरण समिति” वंशावली को डिजिटल रूप देने में भी मदद करेगी।

समिति से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि असली इतिहास इन पोथियों में है। जैसे एक पंडा या भाट के पास कोई व्यक्ति जाए और उसके पूर्वज भी उसी जगह कभी गए होंगे, तो वे अपनी पोथियां देखकर यह बता सकते हैं कि उनके पूर्वज कौन थे। ये लोग पूरी वंशावली रखते हैं। यह किसी भी व्यक्ति का इतिहास है। इस पदाधिकारी के अनुसार हमने “अखिल भारतीय वंशावलीकार संवर्धन समिति” का गठन वैसे तो पहले कर दिया था, लेकिन अब तेजी से काम हो रहा है। उनके मुताबिक मुस्लिमों के पूर्वज भी हिन्दू थे, जिन्होंने किसी वजह से इस्लाम कबूला था। इन पोथियों के जरिए हम उन्हें यकीन दिला सकते हैं कि वह हिन्दू परिवार से हैं। इससे उनमें “घर वापसी” की इच्छा प्रबल होगी।

गुजरात का उदाहरण
पदाधिकारी के अनुसार गुजरात में एक भाट ने कई मुस्लिम गांववालों को उनके पुरखों की गौरव गाथा सुनाई, जो हिन्दू थे। कई गांवों ने सामूहिक घरवापसी की। धर्म जागरण समिति अब अखिल भारतीय वंशावलीकार संवर्धन समिति के जरिए पंडा या भाट के परिजनों को इस काम को जीवित रखने के लिए प्रेरित कर रही है। संघ का मानना है कि असली इतिहास इन पोथियों में है। इसके जरिए लोगों को “घरवापसी” के लिए प्रेरित किया जा सकता है।


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