scriptतरसा गई अरब सागर से उठी बे-वफा बयार! | Disloyal yearning wind arose from the Arabian Sea! | Patrika News
ग्वालियर

तरसा गई अरब सागर से उठी बे-वफा बयार!

ग्वालियर-चम्बल के आसमान में आ रहे बादल बिन बरसे तेजी से उड़ रहे हैं।
दरअसल अरब सागर से चला ये सिस्टम में पूर्वी उत्तरप्रदेश की ओर से सतना में
बरसा और अब ये भोपाल…

ग्वालियरJul 10, 2016 / 01:36 am

Gaurav Sen

gwalior weather

Cancer hills

ग्वालियर. ग्वालियर-चम्बल के आसमान में आ रहे बादल बिन बरसे तेजी से उड़ रहे हैं। दरअसल अरब सागर से चला ये सिस्टम में पूर्वी उत्तरप्रदेश की ओर से सतना में बरसा और अब ये भोपाल और मालवा में जमकर बरसात कर रहा है। ग्वालियर का आसमान उनको गुजरते देखने का साक्षी मात्र है। दरअसल ग्वालियर का मौसम इतिहास बताया बताता है कि अरब सागर से चलने वाली मानसूनी हवाएं बेहद कम बारिश करती हैं। ग्वालियर को सहारा केवल बंगाल की खाड़ी से बनने वाला मानसूनी सिस्टम है।
अरब सागर से बना मानसूनी हवाओं का ये सिस्टम दक्षिण पश्चिम में हमेशा बारिश कराता है। ग्वालियर उत्तर मध्य जोन में है। इसकी बरसात केवल बंगाल की खाड़ी के सिस्टम पर निर्भर है। प्रदेश के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अनुपम काश्यपी ने बताया कि तीन दिन बाद बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी हवाएं ग्वालियर को तर कर देंगी।

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