script“कल्पना करिए अगर शरद यादव संविधान बनाते तो?”: स्मृति | education and hrd minister smriti irani takes a dig at jdu leader sharad yadav | Patrika News

“कल्पना करिए अगर शरद यादव संविधान बनाते तो?”: स्मृति

Published: Nov 28, 2015 08:51:00 am

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने जेडीयू नेता पर साधा निशाना, जाति, भाषा, रंग और लिंग भेद को लेकर उठाए सवाल

Smriti Irani

Smriti Irani

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जेडीयू नेता शरद यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि, “कल्पना कीजिए अगर ऐसे नेता संविधान की मसौदा समिति में शामिल होते तो महिलाओं की स्थिति क्या होती।” स्मृति ने कहा आज शरदजी जैसे बहुत वरिष्ठ सांसदों ने एक बार फिर मुझे कहा कि बैठ जाओ, बैठ जाओ। कल्पना कीजिए कि इस तरह के नेता मसौदा समिति में अगर होते। भारत की नारी होने के नाते मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि दुनिया के कई देशों में महिलाओं को जहां मतदान के अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा वहीं भारत में उन्हें यह अधिकार संविधान ने दिया। स्मृति ने कहा कि लेकिन कल्पना कीजिए, जैसा कि आज सदन के नेता ने कहा कि जब इसका मसौदा बनाया जा रहा था तब इतने वरिष्ठ सांसद मेरक जैसी किसी महिला पर किस तरह की पाबंदी लगाते।”

राज्यसभा में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए मंत्री ने कहा कि मुझसे कहा जाता कि आपका रंग सांवला है, इसलिए आपको मतदान का अधिकार नहीं है? क्या मुझे कहा जाता कि आपके बाल छोटे हैं तो आपको मतदान का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे दिखाई दे रहा है कि मेरी बात से कुछ लोग परेशान हैं, लेकिन आज इस सदन में गिनाई गईं सामाजिक हकीकतों से अलग हमें इस सचाई को भी मानना होगा कि इस तरह की वास्तविकता के शिकार लोग केवल इस सदन के बाहर नहीं हैं, बल्कि हमने इसी सदन में भी यह देखा है।

मंत्री ने कहा कि एक संवाददाता ने बाबासाहब से पूछा, “संस्कृत क्यों?” तो उन्होंने जवाब दिया था कि संस्कृत में क्या कमी है। साढ़े छह दशक बाद मुझसे आज भी यह सवाल पूछा जाता है और मेरा ऐसा ही जवाब होता है। स्मृति ने कहा कि सितंबर, 1949 में बी आर अंबेडकर ने संस्कृत को भारतीय संघ की आधिकारिक भाषा बनाने की वकालत की थी और उनका समर्थन करने वालों में नजीरूद्दीन अहमद नाम के एक सज्जन समेत कुछ लोग थे। 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो