पत्रिका न्यूज नेटवर्क। अयोध्या के राम जन्मभूमि की याद चुनाव के समीप आते ही सभी पार्टियों को सताने लगती है। भाजपा और वीएचपी सहित हिंदू संगठनों का दावा है कि भगवान राम का जन्म ठीक वहीं हुआ, जहां बाबरी मस्जिद खड़ी थी। इसी को आधार बनाकर 6 दिसंबर 1992 में मस्जिद गिरा दी गई। इसके […]
पत्रिका न्यूज नेटवर्क। अयोध्या के राम जन्मभूमि की याद चुनाव के समीप आते ही सभी पार्टियों को सताने लगती है। भाजपा और वीएचपी सहित हिंदू संगठनों का दावा है कि भगवान राम का जन्म ठीक वहीं हुआ, जहां बाबरी मस्जिद खड़ी थी। इसी को आधार बनाकर 6 दिसंबर 1992 में मस्जिद गिरा दी गई। इसके मालिकाने को लेकर विवाद है। यूपी में अगले साल चुनाव है और जीत दर्ज करना सभी पार्टियों के लिए साख का सवाल। आइए, इस विवाद को समझने की कोशिश करते हैं।
राम पर राजनीति:
एक ओर सपा सरकार ने जहां सोमवार को अयोध्या में रामायण आधारित इंटरनेशनल थीम पार्क को मंजूरी देकर इसका आगाज किया तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने अयोध्या में रामायण म्यूजियम की नींव रखने का ऐलान किया है।
1528 में पड़े विवाद के बीज:
बताया जाता है कि सन् 1528 में अयोध्या में एक ऐसी भूमि पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था, जिसे हिंदू अपने आराध्य भगवान राम की जन्मस्थली मानते हैं।
अंग्रेजों ने भी ली दिलचस्पी:
ब्रिटिश हुक्मरानों की इस विवादित भूमि में दिलचस्पी जगी और 1859 में उन्होंने यहां बाड़ लगवा दिया। उन्होंने अंदर मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना की अनुमति दे डाली।