नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने घाटे में चल रही 15 सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (पीएसयू) को बंद करने का निर्णय लिया है। इनमें से पांच के बारे में केबिनेट की बैठक में बंद करने निर्णय लिया जा चुका है। जबकि सरकार ने विभागीय सुझावों के उलट तीन राज्य संचालित लोक उद्यमों के पुनरुद्धार करने की योजना है।
अधिकांश मामले पीएमओ में पेंडिंग
सूत्रों के अनुसार नीति आयोग ने इसके अतिरिक्त छह अन्य पीएसयू को भी बंद करने का सझाव दिया है। इन उद्यमों को आयोग ने चिन्हित भी कर लिया है। लेकिन इन उद्यमों को लेकर अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा जारी लॉबिंग की वजह से अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। इन उद्यमों के बार में संबंधित मंत्रालयों का विचार है कि इसे जिंदा रखा जाए और जरूरी सुधारों पर बल देकर इसे जारी रखा जाए। पेट्रोलियम मंत्रालय ने बायोफ्यूल कंपनी एचपीसीएल बंद करने का निर्णय लिया है, जबकि टेक्सटाइल्स मंत्रालय ने ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन और एलगिन मिल्स को पीएमओ स्तर पर बात कर बंद नहीं करने के लिए करीब-करीब राजी कर लिया है। तीन फार्मा क्षेत्र की कंपनियों को मंत्रियों के पैनल के पास भेज गया है, वहीं हिंदुस्तान एंटीबोयोटिक्स को बंद न करने का हो सकता सरकार निर्णय ले ले। भारी उद्योग मंत्रालय ने भी एचएमटी और शिपिंग मिनस्ट्रिी ने सेंट्रल इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट कारपोरेश को बंद करने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर केबिनेट को अंतिम निर्णय लेने हैं।
कर्मचारियों को विशेष पैकेज देने की योजना
कुछ महीने पहले घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार ने नीति आयोग को सुझाव देने को कहा था। आयोग ने इस बाबत जरूरी सुझाव पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को पहले ही सौंप चुकी है। पीएम के प्रधान सचिव भी इस बात के संकेत दे चुके हैं कि सरकार ऐसे उद्यमों को गंभीर से बंद करने पर विचार कर रही है जो कोषागार के लिए बोझ बने हुए हैं। उन्होंने तो यहां तक बताया है कि राजनीतिक लोकप्रियता की दृष्टि से इन सार्वजनिक उद्यमों को बंद करना उचित न हो पर केंद्र सरकार नीति आयोग के सुझावों पर अमल करेगी। जहां तक इन कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों का सवाल है तो उनकी क्षतिपूर्ति के लिए सरकार ने अलग-अलग पैकेज देने की घोषणाएं की हैं।
पीएसयू को लेकर नीति आयोग सख्त
नीति आयोग ने सार्वजनिक उद्यमों को लेकर पीएम मोदी के प्रधान सचिव को दो सूची सैंपी हैं। इनमें से एक सूची में चिन्हित उन उद्यमों को रखा गया है जिसे बंद करने को कहा गया है, वहीं दूसरे सूची में शामिल उद्यमों के बारे में कहा गया है कि सरकार इसमें विनिवेश को बढ़ा दे सकती है। नीति आयोग ने 74 पीएसयू को बंद करने या फिर उसे बेचने के सुझाव दिए हैं। इसके अलावे दो मामलों में स्थिति पहले की बरकरार रखने, 10 में रणनीतिक विनिवेश, 22 मामलों में पुनरुद्धार योजना के अन्तर्गत रणनीतिक विनिवेश, छह का स्वामित्व बदलने, तीन का विलय, लॉंग टर्म लीज पर पांच और 26 को पूरी तरह से बंद करने का सुझाव दिया है।