आम सहमति से काम करना चाहती है सरकार: वेंकैया नायडू
Published: Nov 30, 2015 03:01:00 pm
संसदीय कार्य मंत्री एम. वेकैंया नायडू ने कहा कि सरकार देश की चुनौतियों को लेकर राजनीति नहीं करना चाहती, वरन वह आम सहमति से काम करना चाहती है
नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री एम. वेकैंया नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार देश की चुनौतियों को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहती, अलबत्ता वह आम सहमति से काम करना चाहती है। नायडू ने राज्यसभा में संविधान निर्माता डा. बी.आर. अंबेडकर की 125 वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार सही दिशा में काम करना चाहती है और सदन में सभी विधेयकों को आम सहमति से पारित कराना चाहती है। वह अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की बात छोड़कर एक राष्ट्र के रूप में सोचना चाहती है।
नायडू ने कहा कि आज देश में जाति और धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है जबकि इसे रोकने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन इसका लाभ जरूरतमंद लोगों को मिलना चाहिए। कुछ स्थानों पर दलितों के आरक्षण का विरोध होता है जिसके कारण यह मामला न्यायालय तक गया है। सभी राजनीतिक दल आरक्षण के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में महिलाओं को 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिला है।
उन्होंने कहा कि झारखंड, उत्तराखंड और तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिया गया है और बिहार, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश विशेष राज्य का दर्जा पाना चाहते हैं । हर राज्य पिछड़ा क्षेत्र घोषित होना चाहता है और पिछड़ा राज्य अतिपिछड़ा होना चाहता है।
नायडू ने आगे बोलते हुए कहा कि संसद में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर एक कानून बनाया गया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उसे निरस्त कर दिया है जो बड़ा मुद्दा है। इस मामले का किसी ने विरोध नहीं किया और दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां न्यायाधीश खुद अपनी नियुक्ति करते है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में उच्चतम न्यायालय का एक बेंच बनना चाहिए ताकि वहां के लोग परेशान होने से बचे । उन्होंने न्यायालयों में लंबित मामलों को लेकर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि अब भी दलितों पार अत्याचार हो रहे हैं, कई जगहों पर लेखकों की हत्याएं हुई है, कुछ हिस्सों में असहिष्णुता की स्थिति है, हमें एक दूसरे के प्रति सहिष्णु होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश-लालू गठबंठन को जनता ने जनादेश दिया है उसका हमें सम्मान करना ही होगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था जिसे समाप्त करना है । उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मछुआरों की श्रीलंका में गिरफ्तारी होती है और सरकार इस समस्या का स्थाई समाधान करना चाहती है। श्रीलंका में पांच मछुआरों को फांसी की सजा मिली थी लेकिन केन्द्र सरकार को उन्हें देश में वापस लाने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि नेपाल की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है और वहां की मधेशियों की समस्याएं गंभीर है।