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13,860 करोड़ की आय घोषित करने वाला कारोबारी हिरासत में

Published: Dec 03, 2016 11:55:00 pm

उन्होंने कहा कि यह पैसा किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि कई लोगों का है

Gujarat Businessman Mahesh Shah

Gujarat Businessman Mahesh Shah

अहमदाबाद। आय घोषणा योजना (आईडीएस) के अंतिम दिन 30 सितंबर को इसकी समय सीमा समाप्त होने से मात्र पांच मिनट पहले आधी रात को करीब 13860 करोड़ रुपए के काले धन (सारी नकदी) की घोषणा कर आयकर अधिकारियों तक को कथित तौर पर चकरा देने वाले अहमदाबाद निवासी रहस्यमय व्यवसायी महेश शाह कई दिनों की गुमशुदगी के बाद
शनिवार को अचानक एक गुजराती टीवी के स्टूडियो में पहुंच गए और दावा किया कि यह पैसा उनका नहीं है और वह सभी बातों का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष करेंगे। इसी दौरान पुलिस और आयकर विभाग के कर्मियों ने उन्हें स्टूडियो से ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस उन्हें साक्षात्कार के बीच ही पकड़ कर आगे की पूछताछ के लिए सरखेज थाने ले गई जहां से उन्हें आयकर विभाग को सौंप दिया जाएगा। अपने अजीबोगरीब रवैये से सबको हैरत में डाल देने वाले 67 वर्षीय महेश शाह कई दिनों की रहस्यमय गुमशुदगी के बाद आज (शनिवार) शाम अचानक एसजी हाईवे स्थित चैनल के स्टूडियो पहुंच गए। उन्होंने कहा कि यह बात 100 प्रतिशत सच थी और वह सचमुच में इसकी कर की राशि भरने वाले थे। पर जिन लोगों का पैसा था वह अंतिम समय में मुकर गए जिस वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए। अचानक ऐसा होने से पैदा हुई गभराहट के कारण वह आयकर विभाग के पास नहीं जा पाए थे।

उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द सभी लोगों का खुलासा करेंगे। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह पैसा किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि कई लोगों का है। उन्होंने इसमें से किसी के अपराधी होने की बात से इनकार किया तथा इस बात से पूरी तरह इनकार नहीं किया कि यह पैसा राजनेताओं, अधिकारियों या व्यवसायियों का हो सकता है। वह स्वयं जमीन की दलाली के धंधे से जुड़े हैं, लेकिन यह पैसा उनका नहीं था, उन्हें कुछ पैसा बनाने की लालच में इस पैसे को अपने नाम से जमा कराने की बात सोची थी और उन्हें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा था।

बड़े लोग हो सकते हैं शामिल
शाह ने कहा कि यह पैसा उनके पुराने दोस्तों अथवा परिचितों का नही था। वह सारी बात का खुलासा बहुत जल्द आयकर विभाग के समक्ष करेंगे। बार बार पूछने के बावजूद उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस राशि का उन्होंने खुलासा किया था असल राशि उससे भी अधिक हो सकती है और पैसे के मालिकों में कई बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं।

छापेमारी की जानकरी, अब तक नहीं गए घर
उन्होंने कहा कि सब कुछ बहुत जल्दबाजी और अंतिम समय में हुआ। इस दौरान उनसे कुछ गलती भी हुई है पर मीडिया ने उनके परिवार के साथ जिस तरह का बर्ताव किया है उससे उन्हें बहुत तकलीफ हुई है। उनके सीए को इस पूरे मामले में घसीटना ठीक नहीं है क्योंकि वह किसी तरह ठीक नहीं है। उन्होंने अपने परिजनों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनके आवास पर आयकर छापेमारी की उन्हें जानकारी है पर वह अब तक यहां अपने घर नहीं गए।

व्यवसाय जगत में कोई नहीं जानता
उल्लेखनीय है कि शाह ने उक्त राशि पर योजना के तहत लगने वाले 6237 करोड़ रुपए के कर (कुल राशि का 45 प्रतिशत) की पहली किश्त के तौर पर करीब 1560 करोड़ रुपए 30 नवंबर तक देने का वादा किया था, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह पिछले करीब एक माह से लापता थे। आयकर विभाग उनके यहां स्थित आवास, मुंबई के आवास और कार्यालय तथा राजकोट में उनके कुछ परिचितों के ठिकानों और उनकी घोषणा में मदद करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अप्पाजी एंड कंपनी के कार्यालय पर पिछले तीन दिनों में छापेमारी कर चुकी है, पर कोई बहुत बडी बरामदगी नहीं हुर्ह है। मजे की बात है कि इतनी बड़ी रकम का खुलासा करने वाले शाह को यहां या मुंबई के व्यापार अथवा व्यवसाय जगत में कोई नहीं जानता।

बेटे ने कहा, भगौड़े नहीं हैं पिता
अहमदाबाद और मुंबई में उसके दो सामान्य से आवास होने की ही बात अब तक सामने आयी है। यहां जोधपुर इलाके के अर्पाटमेंट में उनके आवास में रहने वाले उसके पुत्र मोनीतेश ने शुक्रवार को हालांकि उनके पिता की घोषणा की जानकारी होने से इनकार किया था, पर उसने कहा कि उसके पिता कही भागे नहीं हैं। वह उचित समय पर सामने आएंगे। उसने कहा कि उसके पिता एक जिम्मेदार नागरिक हैं और भगोड़े नहीं हैं पर पिछले करीब एक माह से अहमदाबाद में नहीं हैं।

शाह ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि उनके परिजनों को उनके काम धंधे की पूरी जानकारी नहीं है। उनके सीए तेहमुल सेठ ने कहा था कि वह शाह को 2013 से जानते हैं और वह उनके कोई नियमित मुवक्किल नहीं थे। वह 30 सितंबर की रात उनके पास आए थे और उन्होंने अपने पास 13860 करोड़ की नकदी होने की बात कही थी। वह उन्हें लगभग आधी रात को आयकर आयुक्त के पास ले गए थे जिन्होंने पूरा सहयोग करते हुए उनसे उनकी घोषणा ली थी।

30 नवंबर को पहली किश्त भरने की कही थी बात
उन्होंने अपना कोई व्यवसाय नहीं बताया था और यह कहा था कि उनके पास पूरा पैसा नकदी के तौर पर है। उन्हें 14 अक्टूबर को फॉर्म नंबर 2 भरने को दिया गया था और उन्होंने 30 नवंबर तक कर की पहली किश्त भरने की बात कही थी। इसके बाद भी वह लगातार उनके संपर्क में थे। उन्होंने आयकर विभाग से भी इतनी बड़ी नकदी को जमा कराने के लिए सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी। पर उन्होंने पैसा जमा नहीं किया। कुछ समय से उनका फोन बंद है।

थोड़ी थोड़ी राशि जमा करवाने को कहा था
सेठ ने कहा कि उन्हें कभी यह संदेह नहीं हुआ कि वह झूठ बोल रहे हैं। हालांकि, अब उनकी माली हालत और दावे के बारे में कई तरह की बाते कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि शाह को उन्होंने आयकर की कार्रवाई से बचने के लिए कर की थोड़ी थोड़ी राशि भी जमा कराने को कहा था पर उन्होंने ऐसा भी नहीं किया। एक प्रश्न के उत्तर में सेठ ने कहा कि शाह ने अपनी घोषणा में अपना कोई पेशा नहीं बताया पर हमारी जानकारी के अनुसार वह जमीन की खरीद बिक्री के कारोबार में हैं। वह मूल रूप से अहमदाबाद के निवासी हैं पर उनका कामकाज मुंबई में है।

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