तिघरा रोड की चढ़ाई से फिर एक ट्रक संजय नगर (गोल पहाडिय़ा) बस्ती में गिर गया। इस बार हादसे में कोई जनहानि तो नहीं हुई है, लेकिन पिछले करीब 5 साल में यह चौथा हादसा है, जिसमें दो मासूम सगे भाईयों और लड़की की जान जा चुकी है, लेकिन फिर भी घटनाओं को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
ग्वालियर. तिघरा रोड की चढ़ाई से फिर एक ट्रक संजय नगर (गोल पहाडिय़ा) बस्ती में गिर गया। इस बार हादसे में कोई जनहानि तो नहीं हुई है, लेकिन पिछले करीब 5 साल में यह चौथा हादसा है, जिसमें दो मासूम सगे भाईयों और लड़की की जान जा चुकी है, लेकिन फिर भी घटनाओं को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पुलिस और प्रशासन की इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है।
शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे पुट्टी से भरा ट्रक जसवंत और बहादुर पाल के मकान पर गिर पड़ा। ट्रक का आधा हिस्सा जसवंत के आंगन में और आधा बहादुर पाल की छत पर रखा है। ट्रक से दबा मकान भरभरा कर ढह सकता है, लेकिन हादसे के करीब 30 घंटे बाद भी उसे बाहर नहीं खींचा गया है। पीडि़तों को जवाब दिया कि रविवार की छुट्टी है इसलिए क्रेन सोमवार को आएगी, तब तक घर में मत जाओ।
जसवंत पाल निवासी संजय नगर ने बताया मकान में उनका और भाई बहादुर पाल का परिवार रहता है। शनिवार-रविवार रात को गर्मी की वजह से पत्नी रेखा और बच्चों के साथ आंगन में सो रहा था। करीब ड़ेढ बजे धड़धड़ाहट से आंख खुली देखा करीब 40 फीट की ऊंचाई से ट्रक एमपी 09 एचएफ 8883 मकान के ऊपर सरकता हुआ आ रहा है। पत्नी और तीनों मासूम बच्चों को उठाकर घर के बाहर भागे। भागते समय रेखा के सिर में चोट आई। मिनट भर के अंदर ट्रक आंगन में धमाके के साथ गिरा। उसका अगला हिस्सा पड़ोस में भाई जसवंत सिंह के मकान की छत पर टिक गया। आंगन में टीन शेड में दो भैंसें बंधी थी, ट्रक उसी पर गिरा। एक भैंस ट्रक के पिछले हिस्से में दबकर जख्मी हो गई। जंजीर काटकर उसे बाहर खींचा। पुलिस का कहना है ट्रक चालक राम शर्मा भी बहादुर का पड़ोसी है। कटनी से पुटटी भरकर पिंटो पार्क जा रहा था। शनिवार सुबह ट्रक लेकर शहर में घुस आया, ट्रक को घाटी पर खड़ा कर घर चला गया। दिन में बारिश की वजह से सड़क किनारे की कच्ची मिटटी भुरभुरी हो गई। रात को ट्रक लेकर रवाना हुआ तो मिट्टी धंसक गई।