सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर नए सिरे से प्रयास किए जाएंगे। अब महिला एवं बाल विकास विभाग व महिला अधिकारिता विभाग के अधिकारी समाज के कार्यक्रमों में जाकर लोगों को सामूहिक विवाह योजना के लाभ के बारे में बताएंगे।
ताकि समाज में शादी विवाह में फिजूलखर्ची व दहेज जैसी बुराइयांे पर रोक लग सके। इसके लिए सामूहिक विवाह करने वाली संस्थाओं से भी सीधा संपर्क करना होगा।
सरकार देती है साढे़ बारह हजार का अनुदान
महिला अधिकारिता विभाग की ओर से सामूहिक विवाह अनुदान योजना का संचालन किया जाता है। इस योजना के तहत सामूहिक विवाह करने पर सरकार की ओर से साढे़ बारह हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाता है। सामहिक विवाह कराने वाली संस्था को ढाई हजार रुपए दिए जाते हैं तथा सामूहिक विवाह करने वाले जोड़ों को दस हजार रुपए दिए जाते हैं।
एक या दो आवेदन
विभाग की ओर से इस योजना का प्रचार प्रसार नहीं किए जाने के कारण लोगों तक इस योजना की जानकारी नहीं रहती। इसलिए इसके तहत प्रतिवर्ष एक या दो ही आवेदन किए जाते हैं।
जिसके लिए सरकार की ओर से बजट जारी किया जाता है। वर्ष 2014 -15 में मात्र एक आवेदन पात्र हुआ था। वर्ष 2015 -16 में अभी तक एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
यह है परेशानी
इस योजना के तहत अनुदान लेने के लिए संस्था को जिला कलक्टर और महिला अधिकारिता विभाग के पास आवेदन करना होता है। सामूहिक विवाह में कम से कम 10 जोड़ों के शामिल होने पर ही आवेदन किया जाता है।
अधिकतम 500 जोड़ें होने तक यह अनुदान दिया जा सकता है। यदि 10 जोडें से कम है तो संस्था अनुदान पाने के लिए आवेदन नहीं कर सकती है। इसके अलावा आवेदन करने वाली संस्था का पंजीकृत होना जरूरी है।
रिषिराज सिंगल कार्यक्रम अधिकारी महिला अधिकारिता अलवर ने बताया कि सामूहिक विवाह योजना के लिए सामूहिक विवाह करने वाली संस्थाओं की सूची तैयार कर उनसे चर्चा करनी है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत, रात्रि चौपाल, ग्राम सभा आदि में सरकारी योजनाओं का लगातार प्रचार किया जा रहा है। अभी आवेदन नही आया है। मांग होने पर ही बजट मांगा जाता है।
Hindi News/ Jaipur / अब अधिकारी करेंगे सामूहिक विवाह योजना का प्रचार