राजस्थान में 143 किमी/घंटा स्पीड से दौड़ी ट्रेन
Published: Feb 24, 2016 12:07:00 pm
सूरतपुरा-गोगामेड़ी के बीच ट्रायल रन, 225 करोड़ की लागत से तैयार ट्रैक,
अगले माह से यातायात शुरू, देश में 200 किमी रफ्तार से
दौड़ेंगी गाडिय़ां
Jat agitation in Haryana will be from 9 trains canceled
जयपुर। प्रदेश में रेलवे अपनी गाडि़यों की गति बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। राज्य में पहली बार कोई ट्रेन 143 प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ाई गई, जो इस ओर इशारा है कि थोड़े से बदलाव के बाद प्रदेश में ट्रेनें 150 किमी प्रति घंटा तक आराम से दौड़ सकेंगी।
हाल में हनुमानगढ़ इलाके में सूरतपुरा-गोगामेड़ी के बीच अमान परिवर्तन के बाद ट्रायल रन हुआ। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी सुशील चंद्रा की अगुवाई में हुए यह ट्रायल 76 किमी का था। इसमें ट्रेन की गति 143 किमी प्रति घंटा रही। सीपीआरओ तरुण जैन ने बताया कि 225 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह ट्रैक मार्च में यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
अभी अधिकतम गति 110
प्रदेश में अभी सर्वाधिक तेज दौडऩे वाली ट्रेन डबल डेकर है। उत्तर-पश्चिम रेलवे की इस गाड़ी की अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटा है। हालांकि डबल डेकर की औसत स्पीड 65 किमी प्रति घंटा है। वहीं देश में अभी गतिमान एक्सप्रेस 160 और भोपाल शताब्दी 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती हैं।
कोच की खासियत
– ऑटोमैटिक डोर
– एलईडी लाइटिंग
– स्मोक-फायर डिटेक्शन सिस्टम
– वैक्यूम फ्लैश सिस्टम विद
बायो टॉयलेट
– बेहतरीन आरामदायक सीटें
– अंतरराष्ट्रीय दर्जे के टॉयलेट
– बेहतरीन लेग स्पेस एंड हैंड रेस्ट
200 की स्पीड के कोच की तैयारी
शताब्दी एक्सप्रेस पहले सुपरफास्ट थी, जिसे अब गतिमान बना दिया गया है। भविष्य में यह सुपरस्पीड ट्रेन बनने जा रही है। रेलवे कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) ने शताब्दी को 200 किमी प्रति घंटा (केएमपी) की रफ्तार देने को नए एलएचबी कोच तैयार कर रही है। इनका निर्माण शुरू हो गया है, जबकि बजट में इसका एेलान होना बाकी है। साथ ही शताब्दी सुपरस्पीड ट्रेन में बदल जाएगी। कोचों का रंग भी अलग होगा। पहले चरण में चार चेयर कार कोच तैयार किए जा रहे हैं।