भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक दल ने आकाशगंगाओं का एक बहुत बड़ा समूह (सुपरक्लस्टर) खोजा है जिसका आकार अरबों सूर्यों के बराबर है।
पुणे। भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक दल ने आकाशगंगाओं का एक बहुत बड़ा समूह (सुपरक्लस्टर) खोजा है जिसका आकार अरबों सूर्यों के बराबर है। इसका नाम सरस्वती रखा गया है। पुणे स्थित ‘इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स’ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बताया जा रहा है कि यह पृथ्वी से 400 लाख प्रकाश वर्ष दूर है और करीब 10 अरब वर्ष से अधिक पुराना है। इस संस्थान के वैज्ञानिक पिछले वर्ष गुरुत्वाकर्षण तरंगों की बड़ी खोज में भी शामिल थे। यह खोज अमरीकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के प्रमुख रिसर्च जर्नल एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में जल्द ही प्रकाशित होगी।
इन्होंने की खोज
सरस्वती की खोज पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के पीएचडी छात्र शिशिर संख्यायन, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के रिसर्च फेलो प्रतीक दभाड़े, केरल में न्यूमेन कॉलेज के जैकब, जमशेदपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रकाश सरकार ने की है।
ब्रह्मांड को जानने में मिलेगी मदद
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे विशालकाय ढांचों की मौजूदगी का पता चलने से हमें ब्रह्मांड के बारे में नई बातों को जानने में काफी मदद मिलेगी। ब्रह्मांड के बदलावों को जानने में मदद मिलेगी। सरस्वती इसी यूनिवर्स में तारों के चारों ओर मौजूद हैं।
एक सुपरक्लस्टर में 43 क्लस्टर शामिल
एक क्लस्टर में 1000 से 10,000 गैलेक्सी होती हैं। एक सुपरक्लस्टर में 40 से 43 क्लस्टर शामिल होते हैं। आईयूसीएए के अनुसार हमारी गैलेक्सी भी एक सुपरक्लस्टर का हिस्सा हैं। इनका आकार अरबों सूर्यों के बराबर होता है। संस्थान के स्कॉलर शिशिर ने बताया, ‘विशालकाय दीवार जैसी आकाशगंगाओं को देखकर हैरान रह गए। सरस्वती का आकार काफी बड़ा है।’