2008 में पोस्ट हुए एक यूट्यूब वीडियो में मोदी ने बताया है जामिया को आतंकियों को बचाने वाला
नई दिल्ली। यूट्यूब पर पड़ा प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो उनके लिए जामिया मिलिया के विरोध का कारण बन गया है। यह वीडियो 2008 में यूट्यूब पर पोस्ट किया गया बताया जा रहा है। इस वीडियो में मोदी जामिया पर आतंकियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। मोदी को जामिया के दीक्षांत समारोह में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है। जामिया के 95 पूर्व छात्रों और कई लोगों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को एक लेटर लिखकर मोदी का दौरा रद्द करने को कहा है।
लेटर में कहा गया है, “मोदी का यह दावा झूठा था और वह एक खास समुदाय को निशाना बनाने और जामिया को बदनाम करने का काम कर रहे थे।” उन्होंने अहमद से पूछा है, “आप ऐसे काम करने वाले आदमी को बुलाकर क्या मेसेज देना चाहते हैं। आप कह सकते हैं कि आपने उन्हें एक पार्टी का नेता नहीं, बल्कि पीएम होने के नाते बुलाया है। आपका सोचना सही है, लेकिन केवल एक हद तक। क्योंकि मोदी आज उसी पार्टी और सरकार का चेहरा हैं। आपने वह नारा तो सुना ही होगा, अबकी बार-मोदी सरकार।”
जामिया के पूर्व छात्रों ने वीसी तलत अहमद से कहा है, “हम जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र दीक्षांत समारोह में आपके द्वारा नरेंद्र मोदी को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाने जाने पर अपनी गहरी पीड़ा और दुख को जाहिर करने का इंतजार कर रहे हैं। हम दुखी और चकित हैं, क्योंकि वह और उनकी पार्टी के सदस्य जामिया मिलिया इस्लामिया के खिलाफ लगातार अफवाह और नफरत फैलाते रहे हैं।”
इन पूर्व छात्रों का कहना है कि मोदी को दिया गया निमंत्रण वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि वह दीक्षांत समारोह में बोलने लायक आदमी नहीं हैं। छात्रों ने वीसी को एक और विकल्प सुझाया है कि वह दीक्षांत समारोह में शामिल होने से पहले मोदी से उनके दुष्प्रचार और झूठे बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहें।