डीडीसीए मामला : मोदी सरकार, जेटली को कोर्ट में घसीटेंगे क्रीति
उन्होंने आगे कहा, हम केंद्र सरकार के खिलाफ भी एक याचिका दायर करेंगे,
क्योंकि शहरी विकास एवं कॉरपोरेट मामले मंत्रालय भी इसका हिस्सा है
नई दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने गुरुवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) प्रकरण पर नजर रखने के लिए एक स्वतंत्र प्रशासक नियुक्त किए जाने की मांग की और कहा कि वह इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट तक लेकर जाएंगे। निलंबित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद ने कहा कि हाई कोर्ट में याचिका दायर करते समय वह केंद्र एवं राज्य सरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित डीडीसीए के सभी मौजूदा एवं पूर्व अधिकारियों तथा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी अभियोजन पक्ष बनाएंगे।
आजाद ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, डीडीसीए में हुई कथित वित्तीय अनियमितता मामले पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुद्गल की दूसरी रिपोर्ट पेश होने के बाद हम अपनी रिट याचिका के साथ उसे भी संलग्न करेंगे और एक
स्वतंत्र प्रशासक की नियुक्ति की मांग करेंगे। हम डीडीसीए में अभी भी जारी कुप्रबंधन की एक निश्चित अवधि में जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बिठाने की मांग भी करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, हम केंद्र सरकार के खिलाफ भी एक याचिका दायर करेंगे, क्योंकि शहरी विकास एवं कॉरपोरेट मामले मंत्रालय भी इसका हिस्सा है। राज्य सरकार के संदर्भ में हम कथित वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल न उठाने के लिए
मनोरंजन कर विभाग के खिलाफ याचिका दायर करेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि सीबीआई मामले की जांच शुरू करेगा और जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने उसे ‘पिंजरे के तोते’ की उपमा दी है, वैसा काम नहीं करेगी।
आजाद ने बीते वर्ष दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में अपनी निगरानी में सफलतापूर्वक टेस्ट मैच का आयोजन करवाए जाने पर न्यायमूर्ति मुद्गल का आभार भी जताया। आजाद ने कहा, 1982 के बाद पहली बार डीडीसीए ने किसी टेस्ट मैच के आयोजन में मुनाफा कमाया। यह इसलिए भी हो सका क्योंकि सीबीआई जांच में राज्य क्रिकेट संघ के अधिकारियों के जेलों में होने के कारण बीसीसीआई ने खुद इस मैच का आयोजन संभाला।
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