नोटबंदी के खिलाफ धरना देने ममता बनर्जी पटना पहुंच गई है, जबकि नोटबंदी का लगातार विरोध कर रहे लालू यादव ने अपना रुख बदल लिया है।
पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ धरना देने पटना पहुंच गई हैं। उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। बनर्जी यहां पहुंचने के बाद यादव से मिलने उनके आवास पर गई जहां दोनों नेताओं के बीच नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा हुई।
नोटबंदी को लेकर एक बार फिर बिहार की राजनीति गरमा गई है। नीतीश द्वारा नोटबंदी का समर्थन और मोदी की तारीफ किए जाने पर कई तरह के कयास लगाने शुरू हो गए। राजनीतिक विश्लेषक इसे नीतीश की लालू से दूरी और भाजपा से नजदीकी रिश्ते के रूप में देखने लगे। इस पर नीतीश ने मीडिया के धड़े पर उनकी ‘राजनीतिक हत्या’ का प्रयास किए जाने का आरोप तक जड़ दिया।
यही कारण है कि नोटबंदी का समर्थन करते हुए अब लालू भी अपनी गठबंधन सरकार के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़े हो गए हैं। नोटबंदी का लगातार विरोध कर रहे लालू यादव ने मंगलवार को अपना रुख बदल लिया। लालू ने नोटबंदी का समर्थन करते हुए कहा कि उनका विरोध केवल इसे लागू किए जाने में हुई अव्यवस्था और बदइंतजामी से है, ना कि इसके पीछे छुपे मकसद से।
विपक्षी दलों में से अभी तक नीतीश ही अकेले थे, जिन्होंने खुलकर ना केवल नोटबंदी का समर्थन किया, बल्कि इस फैसले के लिए मोदी सरकार की तारीफ भी की। इतना ही नहीं, यह नीतीश का ही असर था कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) विपक्ष द्वारा बुलाए गए ‘जन आक्रोश दिवस’ से भी दूर रही।
हालांकि, बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि राजद और तृणमूल का नोटबंदी पर एक राय है और दोनों दल इससे आम लोगों को हो रही परेशानियों से चिंतित है। उन्होंने कहा कि यादव की तबीयत ठीक नहीं है और वह उनका हाल जानने आयी थी।
बनर्जी ने नोटबंदी के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अलग राय के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अलग-अलग दल की राय भिन्न हो सकती है, लेकिन नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों से कुमार भी चिंतित है।
गौरतलब है कि बनर्जी नोटबंदी को लेकर देश के अलग-अलग जगहों पर धरना प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को वह पटना के गर्दनीबाग में धरना पर बैठेंगी।