भारत ने 2 दशक पुरानी मूर्ति लौटाने के लिए व्यक्त किया जर्मनी की चांसलर का आभार, एंजेला ने कहा जर्मनी निवेश के लिए बेहतरीन जगह
कर्नाटक। जर्मनी ने जिस दुर्लभ मूर्ति को भारत से दो दशक पहले चुरा लिया था, उसे आज भारत को वापस सौंप दिया। यह दुर्लभ मूर्ति दशवी शताब्दी की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे वापस लौटाए जाने के लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का आभार व्यक्त किया है। जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर से लापता हुई यह मूर्ति जर्मनी के एक संग्रालय में रखी गई थी।
पीएम ने यहां नेसकॉम द्वारा आयोजित इंडो जर्मन समिट में कहा कि वह देश में बिजनेस और इंडस्ट्री के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए उनकी सरकार त्वरित गति से इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अनुमति और क्लीयरेंस दे रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। जीएसटी के 2016 में लागू कर दिए जाने की उम्मीद जताई।
पीएम ने भारत को नरमी के दौर में एक आकर्षक गंतव्य बताया, वहीं जर्मन की चांसलर ने भारतीय उद्योगपतियों से जर्मनी में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु में जर्मनी की लगभग 170 कंपनियां हैं, ये तथ्य दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों का प्रमाण हैं। मर्केल ने कहा कि जर्मनी में निवेश के लिए भारतीय निवेशकों का स्वागत है। उन्होंने भारत और जर्मनी दोनों जगहों पर डिजिटलाइजेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा की अपार संभावनाएं बताईं।