मोटरबोट क्लब निर्माण में फिर पेंच
नूराबाद में सांक नदी पर पुल के पास निर्माणाधीन पर्यटन विभाग के मोटरबोट
क्लब में एक बार फिर खलल पड़ गया है। एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ
इंडिया) ने यह कहते हुए निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई है कि नियमानुसार
राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य
नहीं कराया जा सकता है।
नूराबाद में सांक नदी पर पुल के पास निर्माणाधीन पर्यटन विभाग के मोटरबोट क्लब में एक बार फिर खलल पड़ गया है। एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) ने यह कहते हुए निर्माण पर आपत्ति दर्ज कराई है कि नियमानुसार राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता है। इस संबंध में एएसआई का पत्र चार दिन पूर्व ही जिला प्रशासन को मिला है। इस संबंध में राज्य शासन और पर्यटन विभाग के डायरेक्टर को भी पत्र लिखा गया है।
पर्यटन विकास निगम मुरैना जिले में नया टूरिस्ट सर्किट विकसित करने की कड़ी में मुगलकालीन नूराबाद में सांक नदी के पुल के पास मोटरबोट क्लब का निर्माण करवा रहा है। 4.96 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित मोटरबोट क्लब निर्माण को राज्य शासन ने दो वर्ष पूर्व मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व तत्कालीन सांसद (अब केंद्रीय खनन एवं इस्पात मंत्री) नरेंद्र सिंह तोमर ने इसका शिलान्यास 22 फरवरी 2014को स्थानीय स्टेडियम परिसर में किया था। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू करने के लिए चयनित जमीन की नापजोख करवाई गई तो वह निजी स्वामित्व की निकली। इससे निर्माण कार्य शुरू कराने में विलंब हुआ। करीब छह महीने पूर्व दूसरी जगह का चयन किया गया। इसके बाद करीब तीन महीने पूर्व निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। बारिश के कारण काम कुछ सुस्त हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य की गति देखकर माना जा रहा था कि अगली बारिश से पूर्व मोटरबोट क्लब बनकर तैयार हो जाता। इस बीच एएसआई का विवाद सामने आ गया।
मुगलकालीन है नूराबाद का पुल
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक तीन (एबी रोड) पर मुरैना-ग्वालियर के बीच सांक नदी पर निर्मित प्राचीन पुल मुगलकालीन है। इसलिए एएसआई ने इसे राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया है। इसके संरक्षण और जीर्णोद्धार पर तीन वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च भी किया जा चुका है। एएसआई के मानकों के अनुरूप राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के २०० मीटर के दायरे में उसकी बिना विशेष अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता, लेकिन मप्र पर्यटन विकास निगम ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया और जून के शुरू में निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया।
क्या होना है मोटरबोट क्लब से
करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित मोटरबोट क्लब पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की कड़ी में निर्मित कराया जा रहा है। इससे चंबल में जलीय जीवों से डरकर मोटरबोटिंग न करने वाले लोग यहां आकर्षित हो सकते हैं। नूराबाद से सटा और बानमोर व मुरैना के नजदीक होने से यहां आने-जाने वालों को रिफ्रेशमेंट के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। यहां से जहां दसवीं व ग्यारहवीं सदी के मितावली, पढ़ावली, बटेश्वरा की राह आसान होगी वहीं शनिदेव मंदिर भी नजदीक होगा। यहां से ग्वालियर भी जा सकते हैं।
आकड़ा
4.96 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित है मोटरबोट क्लब
05 एकड़ से ज्यादा जमीन पर हो रहा है निर्माण
13 किमी दूरी है सांक नदी की जिला मुख्यालय से
07 किमी दूरी है सांक नदी की बानमोर औद्योगिक क्षेत्र से
03 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ती सांक नदी
सांक नदी पर निर्माणाधीन मोटरबोट क्लब पर एएसआई ने आपत्ति की है। इस संबंध में शासन व प्रशासन को पत्र लिखा है। जिले को यह पत्र तीन-चार दिन पूर्व ही मिला है। सांक नदी पर मुगलकालीन प्राचीन पुल राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक घोषित है। नियम से उसके 200 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य विशेष अनुमति के बिना नहीं कराया जा सकता है।
अशोक शर्मा, जिला पुरातत्व अधिकारी मुरैना
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