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मुस्लिमों ने महिलाओं को गुलाम समझा, इसलिए पिछड़े: AMU VC

Published: Oct 05, 2015 08:15:00 am

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरूद्दीन शाह ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन के लिए महिलाओं को दास बनाए रखने को जिम्मेदार ठहराया है।

AMU VC

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नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरूद्दीन शाह ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन के लिए महिलाओं को दास बनाए रखने को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने रविवार को कहाकि, आधी आबादी को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया गया। महिलाओं को दासों की तरह रखा गया। वे घर से बाहर निकल ही नहीं पाई। मुस्लिम किसी और को दोष न दें। आपने महिलाओं को गुलाम समझा और इसका नतीजा यह रहा कि आप गुलाम बन गए।

लखनऊ में एएमयू ऑल्ड बॉयज कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहाकि, मैं सऊदी अरब में रहा, तुर्की और ईरान को छोड़कर सभी मुस्लिम देशों में महिलाओं को बंधन में रखा गया। उनके पिछड़ेपन का यही कारण है। उन्होंने रमजान के दौरान मुस्लिमों के काम न करने पर भी सवाल उठाए और कहाकि, मुस्लिम एक साल में 11 महीने काम करते हैं। रमजान के दौरान वे काम नहीं करते। अन्य दिनों में भी वे ढाई दिन तक काम नहीं करते। शुक्रवार को वे नमाज की तैयारियां करते हैं और फिर वीकेंड आ जाता है।

उन्होंने कहाकि, आप लोगों ने शिक्षा को छोड़ दिया। समुदाय के अंदर तनातनी चलती है। समाज में धर्म को लेकर भी मतभेद है। इससे एएमयू को भी नुकसान हो रहा है। योग्यता और काबिलियत का ही सर्वाधिक महत्व है। मैंने अपना सफर मदरसा छात्र से शुरू किया था और आज आप सबके सामने हूं। मुस्लिम समुदाय सिर्फ भेदभाव की बात करता है जो दिखता ही नहीं है।

एएमयू में बदलाव के बारे में उन्होंने कहाकि, हो सकता है कि मैं सबसे अलोकप्रिय वाइस चांसलर हूं लेकिन मैं चिंतित नहीं हूं। मैंने संस्थान में बदलाव के लिए अपना काम किया। 400 अध्यापकों की नियुक्ति कर मैने 4000 दुश्मन बना लिए। इससे पहले एएमयू के स्कूल थर्ड ग्रेड थे। हमने प्रतिस्पर्घा के आधार पर नियुक्तियां की है।


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