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संसद सत्र आज से, पहले दो दिन शांति फिर हंगामे की संभावना

Published: Nov 26, 2015 08:03:00 am

सत्र के दौरान असहिष्णुता, जीएसटी समेत कई मुददें पर गहमागहमी होने की संभावना है

Parliament

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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू होगा। इस सत्र का पहले दो दिन 26 नवम्बर 1949 को संविधान को अंगीकृत किए जाने की स्मृति और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव के सम्मान में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा के लिए विशेष तौर से रखा गया है। दोनों सदनों में इस विशेष चर्चा में सभी दलों की ओर से सहयोग और रचनात्मक बहस की पूरी संभावना है। एेसे में गुरुवार और शुक्रवार को संसद के शांतिपूर्ण तरीके से चलने की पूरी उम्मीद है। हालांकि 23 दिसम्बर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र के बाद में हंगामेदार होने की संभावना है। 

सत्र के दौरान असहिष्णुता, जीएसटी समेत कई मुददें पर गहमागहमी होने की संभावना है। इस बीच, सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सदस्यों से राष्ट्रहित में जीएसटी बिल को पारित कराने और सदन चलाने में सहयोग की अपील की।

असहिष्णुता पर चर्चा के लिए नोटिस 
शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले ही विपक्षी दल असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुके हैं। कांग्रेस ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्षी दल चाहते हैं कि संसद असहिष्णुता की घटनाओं की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित करे।

सरकार बोली – हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार
संसद सत्र निर्बाध रूप से चले इसके लिए बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री मंत्री वेंकैया नायडू के घर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 42 नेता शामिल हुए। नायडू ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में सात नए विधेयकों सहित 38 विधायी दस्तावेज पेश किए जाएंगे। लोकसभा में आठ और राज्यसभा में 11 विधेयक लंबित हैं। सर्वदलीय बैठक में वेंकैया नायडू के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, सीताराम येचुरी, शरद यादव, चिराग पासवान शामिल रहे। बैठक में जेडीयू ने जीएसटी बिल का समर्थन किया।

बैठक से संतुष्ट हूं। जीएसटी बिल पर किसी को कोई भी आपत्ति है तो वित्त मंत्री के पास सुझाव भेजें।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

अगर वह सहनशीलता दिखाएंगे तो हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी हैं। संसद सिर्फ चर्चा के लिए ही है। विपक्ष पहले सरकार का एजेंडा देखेगा और फिर उस पर चर्चा कर सकता है।
मल्लिकार्जुन खडग़े, लोकसभा में कांग्रेस नेता

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